देहरादून से खबर है कि उत्तराखंड में फिर से कोरोना के मामले धीरे धीरे बढ़ने लगे हैं। 28 मई को प्रदेश में दो नए केस सामने आए हैं। ये दोनों मामले ऋषिकेश स्थित एम्स के डॉक्टरों से जुड़े हैं। अब पूरे उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। इनमें से पहले के तीन मरीज ऐसे हैं जो बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आए थे।
स्वास्थ्य विभाग के कोविड नोडल अधिकारी डॉक्टर पंकज ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में काम कर रहे दो डॉक्टरों में फ्लू जैसे लक्षण दिखे थे। इसके बाद उन्होंने 26 मई को अपना कोविड टेस्ट कराया था। 27 मई को आई रिपोर्ट में दोनों डॉक्टरों के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। दोनों डॉक्टर इस वक्त आइसोलेशन में हैं और उनकी तबीयत सामान्य बताई जा रही है। साथ ही उनके सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं जिसकी रिपोर्ट आने में दस से पंद्रह दिन लग सकते हैं।
देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मनोज शर्मा ने जानकारी दी कि शुरुआत में तीन कोरोना के मरीज उत्तराखंड में मिले थे। अब एम्स ऋषिकेश में दो नए मामले जुड़ने के बाद कुल संख्या पांच हो गई है।
प्रदेश में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य महानिदेशक ने बैठक की है। बैठक में टेस्टिंग पर खास जोर देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा फ्लू के मरीज बढ़ने पर अलग से फ्लू क्लिनिक बनाने की बात कही गई है। आइसोलेशन वार्ड को दुरुस्त करने और ऑक्सीजन से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को तैयार रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।
हल्द्वानी में सुशीला तिवारी अस्पताल ने भी कोरोना की आशंका को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी हैं। हालांकि अभी तक वहां कोई नया केस सामने नहीं आया है। अस्पताल प्रबंधन ने साफ किया है कि वह हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
अस्पताल के प्राचार्य डॉक्टर अरुण जोशी ने बताया कि सरकार की ओर से कोरोना को लेकर दिशा निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल उनके अस्पताल में एक भी कोरोना मरीज दर्ज नहीं है लेकिन अगर केस बढ़ते हैं तो अस्पताल की पूरी टीम तैयार है। ऑक्सीजन की व्यवस्था से लेकर दवाइयों और स्टाफ की तैनाती तक सब कुछ पहले से तय कर लिया गया है।
डॉक्टर जोशी ने कहा कि इस बार जो वेरिएंट सामने आया है वह पहले की तरह खतरनाक नहीं है। लेकिन फिर भी सतर्क रहना जरूरी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर किसी को भी कोविड के लक्षण महसूस हों तो तुरंत टेस्ट कराएं। सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनें और दूरी बनाए रखें। पिछली बार के अनुभवों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इस बार कोई लापरवाही नहीं चाहता। हल्द्वानी का प्रशासन भी पूरी तरह से तैयार है और किसी भी हालात से निपटने को तैयार बैठा है।