27 साल बाद पुलिस की गिरफ्त में आया पत्नी का हत्यारा

Newsdesk Uttranews
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सेना ने बर्खास्त कर दिया था अभियुक्त को

अभियुक्त पर था ढाई हजार का ईनाम

पिथौरागढ़। 27 वर्षो फरार चल रहे व्यक्ति को आखिकार पुलिस ने पकड़ ही लिया। उक्त व्यक्ति पर पत्नी की हत्या का आरोप सिद्व हुआ था। दोषी सेना जवान था और उसे सेना से भी निकाल दिया गया था। 27 साल बाद आरोपी को पुलिस ने महराष्ट्र से पकड़ने में सफलता हासिल की है। अभियुक्त को महाराष्ट्र से ट्रांजिट रिमान्ड पर गुरुवार को पिथौरागढ़ लाया गया और न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।
यशवंत राजाराम गणेशाचार्य पुत्र राजाराम मूल रूप से महाराष्ट्र में कोल्हापुर जिले के कठोरी, थाना गोकुल शिरगांव का रहने वाला है। यशवंत सेना की कुमाऊं एस्कॉट में धारचूला में कार्यरत था। उस पर आरोप था कि तैनाती के दौरान धारचूला में रहते हुए वर्ष 1991 में उसने अपनी पत्नी की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। आरोपी के खिलाफ थाना धारचूला जिला पिथौरागढ़ में आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस घटना के बाद सेना ने भी उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। मगर अदालत में केस और अपील के दौरान वह फरार हो गया। वर्ष 2001 में नैनीताल हाईकोर्ट और 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने भी यशवंत को अपनी पत्नी की हत्या का दोषी करार दिया। फरार यशवंत पर ढाई हजार रुपये का ईनाम घोषित किया गया था और पिछले कई वर्षों से एसओजी पिथौरागढ़ और धारचूला थाने की पुलिस टीमें उसकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रहीं थीं। पुलिस ने अभियुक्त को पकड़ने के लिए दूसरे राज्यों सहित उसके मूल निवास स्थान पर भी कई बार दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं आ रहा था। हाल में पुलिस टीम ने उसे कर्नाटक और महाराष्ट्र की सीमा के निकट कोल्हापुर से दबाचने में सफलता हासिल की।
अभियुक्त को पकड़ने वाली पुलिस टीम में एसओजी प्रभारी प्रकाश मेहरा, धारचूला थानाध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी, एसआई हेम तिवारी, हरजीत सिंह, अनिल मर्तोलिया, मनमोहन भंडारी, राजकुमार, बलवन्त वल्दिया, अरविन्द कुमार, राजकुमार व राजेंद्र ओली शामिल थे। पुलिस अधीक्षक आरसी राजगुरु ने पुलिस टीम को ढाई हजार रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है।
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