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लॉक डाउन से हुए आर्थिक नुकसान को देखते हुए जन हित में समाप्त हो जिलाविकास प्राधिकरण(zila vikas pradhikaran),कांग्रेस ने उठाई मांग

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा:14 मई 2020— कांग्रेस ने लॉक डाउन के चलते हुए आर्थिक नुकसान को देखते हुए विकास प्राधिकरण(zila vikas pradhikaran) को जनहित में समाप्त करने की मांग की है।

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इस मांग को लेकर कांग्रेस ने गुरूवार को एडीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन सौंपा और कहा कि जनता लॉक डाउन के चलते पूरी तरह आर्थिक रूप से परेशान और तंगहाल हो चुकी है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीताम्बर पांडे व नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतैला के संयुक्त नेतृत्व में यह ज्ञापन दिया गया ।

zila vikas pradhikaran

ज्ञापन में कहा है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों समेत समूचे उत्तराखंड में नवम्बर 2017 में प्रदेश सरकार के द्वारा जिला विकास प्राधिकरण लागू कर दिया गया ।

इस प्राधिकरण के नियम देख कर ऐसा लगा कि बिना पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक संरचना को समझे प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड की जनता पर बिना किसी तैयारी के यह प्राधिकरण लाद दिया,प्राधिकरण लागू होने के बाद भवन मानचित्र स्वीकृति सम्बन्धित सभी अधिकार नगरपालिकाओं से छीन लिये गये और भवन निर्माण मानचित्र स्वीकृति सम्बन्धी सभी अधिकार जिला प्रशासन को दे दिये गये,नगरपालिकाओं के द्वारा भवन स्वीकृति के लिए जो शुल्क जनता से लिया जाता था प्राधिकरण लागू होने से वही शुल्क काफी हद तक बड़ा दिया गया। जिसका खामियाजा नगरपालिकाओं सहित आम जनता को भी लगातार भुगतना पड़ रहा है,जहां अल्मोड़ा जैसे शहर में नगरपालिकाओं को इससे लगभग पचास लाख रूपया प्रतिवर्ष का नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी ओर आम जनता के ऊपर भी मानचित्र स्वीकृत कराने में अतिरिक्त शुल्क का भार पड़ रहा है।

प्राधिकरण के कठोर एवम् भौगोलिक परिस्थिति के विपरीत मानक होने से पर्वतीय क्षेत्रों में भवन निर्माण में भी काफी कमी आयी है जिससे भवन निर्माण का कार्य करने वाले लोगों की आजीविका भी प्रभावित हुई है तथा भवन निर्माण सामग्री विक्रय करने वाले व्यवसायियो़ के व्यवसाय में भी फर्क पड़ा है,जहां नवम्बर 2017 से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता था अब दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र भी इसकी चपेट में आ चुके हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के कार्य भी इस प्राधिकरण से काफी हद तक प्रभावित हुए हैं जिस कारण हजारों की संख्या में उत्तराखंड आने वाले प्रवासियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा एवम् प्राधिकरण लागू होने से नगरपालिकाओं को भी काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

ज्ञापन में कांग्रेसजनों ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस कोरोना महामारी के कारण पहाड़ी क्षेत्र की जनता की खराब आर्थिक स्थिति, बेरोजगारी आदि दिक्कतों को देखते हुए अविलम्ब इस प्राधिकरण को समाप्त कर जनता को राहत देंगे।ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष पीताम्बर पान्डेय,नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतैला, जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक, जिला सचिव दीपांशु पांडे मौजूद थे।