22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में जो घटना घटी वो किसी के लिए भी हैरान कर देने वाली थी. पहलगाम की बैसरन घाटी पहले जहां पर्यटकों से भरी रहती थी अब पूरी तरह सुनसान हो चुकी है. कुछ दिन पहले तक यहां की सैर करने आने वाले लोग अब इस घाटी को खाली देख रहे हैं. यहां हर जगह सेना के जवान गश्त करते हुए दिख रहे हैं. सब जगह बंदूक लिए हुए लोग डर और चिंता के माहौल में जी रहे हैं.
पहलगाम में हुए इस हमले का एक अहम गवाह अब सामने आया है जो घटना के समय वहां मौजूद था. इस शख्स ने अपने कैमरे में पूरी घटना को कैद कर लिया और अब वही इस मामले का अहम सबूत बन गया है. ये शख्स पहलगाम का एक लोकल फोटोग्राफर है और बैसरन घाटी में आने वाले पर्यटकों की तस्वीरें खींचने का काम करता था. वही हनीमून पर आए कपल्स की वीडियोग्राफी भी किया करता था. 22 अप्रैल को जब आतंकियों ने बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमला किया तो यह शख्स भी वहीं था और उसने पूरी घटना को अपने कैमरे में कैद कर लिया. हालांकि सुरक्षा कारणों से पुलिस ने इस शख्स का नाम नहीं बताया है.
घटना के दौरान फोटोग्राफर ने अपनी जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़कर चुपके से हमले की सारी रिकॉर्डिंग कर ली और ये फुटेज अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए के लिए बेहद अहम बन चुका है. इस फुटेज में न सिर्फ आतंकियों की हरकतें दिखाई देती हैं बल्कि यह भी साफ नजर आता है कि आतंकियों ने हमले के दौरान क्या किया और उनका हमला करने का तरीका क्या था.
अब जांच में पता चला है कि आतंकी कोकरनाग के घने जंगलों से होते हुए बैसरन पहुंचे थे. वे 20 से 22 घंटे में इन जंगलों को पार करके यहां पहुंचे और जब घाटी के पास की दुकानों के पीछे से निकलकर आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया तो उन्होंने चार लोगों को नजदीक से गोली मारी और उनसे ‘कलमा’ पढ़ने को कहा. फिर जैसे ही लोग भागने लगे आतंकियों ने दो मोबाइल फोन भी लूटे और कुल 26 पर्यटकों की जान ले ली. इस हमले के बाद एनआईए ने जांच की जिम्मेदारी ली और अब तक जांच में पता चला है कि इस हमले में चार आतंकवादी शामिल थे जिनमें तीन पाकिस्तानी मूल के थे और एक कश्मीर का नागरिक था जिसकी पहचान आदिल थोकर के रूप में हुई है. जो 2008 में पाकिस्तान चला गया था और वहां से इस साजिश का हिस्सा बन गया था.