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चेतावनी: खैरना-क्वारब मार्ग (Khairna-kwarb road)की बदहाली को लेकर आंदोलन की चेतावनी, वाहन ‌चालक व एंबुलेंस संगठन को भी साथ लाने की कवायद

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Warning of agitation regarding the plight of Khairna-kwarb road

अल्मोड़ा, 03 अप्रैल 2022- एनएच का हिस्सा कहलाने वाले खैरना-क्वारब मोटर मार्ग (Khairna-kwarb road)की दयनीय स्थिति को देखते हुए नाराजगी अब आंदोलन की गोलबंदी में तब्दील होने जा रही है।

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सड़क की बदहाली के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


उत्तराखंड क्रांति दल के अल्मोड़ा जिला प्रवक्ता केशव कांडपाल ने इस मामले में सरकार यदि जल्दी से कोई सकारात्मक कारवाई नहीं की तो वह मुख्य मार्ग में चक्का जाम करेंगे। इसके लिए जन समर्थन जुटाने व लोगों व संगठनो की गोलबंदी के प्रयास किए जा रहे हैं।

जारी बयान में श्री कांडपाल ने कहा कि हल्द्वानी-अल्मोड़ा के बीच काफी आवाजाही है। प्रतिदिन सैकड़ों वाहन इस मार्ग से(Khairna-kwarb road) गुजरते हैं इसे पहाड़ की लाइफ लाइन भी कहा जाता है।


उन्होंने कहा कि हल्द्वानी कुमाऊं की प्रमुख मंडी होने के कारण सभी का व्यवसाय भी यही से है। प्रतिदिन अल्मोड़ा मार्ग में हजारों वाहनों की आवाजाही होती है।


लेकिन इस मार्ग (Khairna-kwarb road)पर टूटते पहाड़ों के बीच से गुजरने वाली सड़क कभी भी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रही है।


उन्होंने कहा कि खैरना से लेकर क्वारब तक सड़क की बुरी हालत हुई है। इसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।

जबकि वर्ष 2010 में आयी तबाही के समय भू जानकारों ने इस सड़क को खतरनाक और उपयोगी न होना भी बताया था। उन्होंने कहा कि जानकारों की राय को दर किनार किया गया।


और नदी के दूसरे छोर पर सड़क बनाये जाने के सुझाव पर अमल करने की बजाय सरकार ने इस मामले की अनदेखी कर पुरानी सड़क पर ही पानी की तरह करोड़ों रुपए बहा दिए।


कांडपाल ने कहा कि अगर समय पर इस सड़क(Khairna-kwarb road) की सुध नहीं ली गई तो वह उग्र आंदोलन करेंगे।एक तरफ पर्यटन सीजन आरम्भ हो चुका है, आये दिन इसी मार्ग से मरीजों को एम्बुलेंस से हल्द्वानी लाया जाता है।सड़क की हालत खराब होने के कारण कई बार मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।

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कांडपाल ने बताया कि आंदोलन की रणनीति तय की जा रही है और वाहन चालक, व्यापारी वर्ग और एम्बुलेंस संगठन ने उन्हें समर्थन दिया है।