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अगर ध्रूमपान की लत से चाहिए छुटकारा, तो ट्राई करे यह 4 योगासन

उत्तरा न्यूज टीम
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हर किसी को पता है ध्रूमपान स्वास्थ्य के लिए नुकसानकारक होता है लेकिन फिर भी लोग इसका सेवन करते ही हैं। ये जानते हुए कि ध्रूमपान से शरीर में कई तरह की बीमारियां होती है ध्रूमपान से फेफड़े पूरी तरह गड़बड़ हो जाते हैं, हार्ट की समस्या का करण भी ध्रूमपान हो सकता है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो ध्रूमपान करने की वजह से अपनी जिंदगी खो चुके हैं न जानें कितने इससे होने वाले परेशानीओं से जूझ रहें हैं। ऐसे में यदि आपको ध्रूमपान की लत लग गई है तो आप इन योगासनों से अपनी ध्रूमपान की लत को छुड़ाइए।

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जानकार कहते हैं ध्रूमपान एक मीठा जहर है जिससे आदमी धीरे-धीरे मरता है, इसका प्रभाव आपके मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ता है साथ ही ध्रूमपान गंभीर सांस की समस्या का कारण बन सकता है। ऐसे में हम यहां आपको कुछ योगासन बताएंगे जिनकी सहायता से आप ध्रूमपान की लत को छुड़ा सकते हैं। चलिए जानते हैं।

बालासन- बालासन मस्तिष्क और मन को शांत करने में सहायता करता है, मन और मस्तिष्क शांत होने पर आप धूम्रपान को छोड़ने का सोच सकते हैं, धीरे-धीरे आप अपनी इस आदत को छोड़ने में सफल हो सकते हैं।

बालासन को करने के लिए सबसे पहले किसी शांत स्थान पर एक चटाई बिछा लें। इसके बाद छुटनों को मोड़कर बैठ जाएं। अपने नितंबों को एड़ी पर रखें और आरामदायक अवस्था में बैठे। लंबी गहरी सांस लें अब अपने दोनों हाथों को सिर से ऊपर ले जाएं। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए हाथों को आगे की तरफ लाएं। अपने सिर को जमीन पर टिकाएं, कुछ देर इसी अवस्था में रहें फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं आप इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहरा सकते हैं।

सर्वांगासन- इस आसन से शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है साथ ही यह तनाव को कम करने और अवसाद को दूर करने में भी मददगार होता है, आप इससे ध्रूमपान की लत छूड़ा सकते हैं।

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों को आपस में जोड़कर रखें इनके बीच दूरी नहीं होनी चाहिएअब धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर की तरफ ले जाएं इस दौरान 90 डिग्री का कोण बनना चाहिए। अपनी दोनों कोहनियों को चटाई पर झुकाकर अपनी हथेलियों से पीठ को सहारा दें। इस अवस्था में कुछ सेकेंड रुकने के बाद आप प्रारंभिक अवस्था में आ सकते हैं। इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं, आप चाहें तो अपनी क्षमातानुसार इसे बढ़ा भी सकते हैं।

कपालभाति-यह रक्त प्रवाह को बेहतर करने में सहायता करता है कपालभाति से मन और मस्तिष्क शांत होता है, इसे नियमित रूप से करने से दिमागी संदेह्ति बढ़ती है यह हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम को फिर से जीवंत करने में सहायता करता है सेंट्रल नर्वस सिस्टम के बेहतर होने पर शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।

इस आसन को करने के लिए आप किसी शांत स्थान पर बैठ जाएं।
अपनी कमर और रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें।
अब लंबी गहरी सांस लें, पेट में दबाव महसूस करते हुए बल के साथ सांस छोड़ें।
इस प्रक्रिया को आप 10-15 मिनट तक कर सकते हैं।

भुजंगासन-यह योगासन श्वसन को बढ़ावा देने में सहायता करता है और तनाव को कम करता है इससे सीने का विकास होता है, साथ ही भुजंगासन बेहतर श्वसन में भी सहायता करता है। यह थकान को कम करने, रक्त के प्रवाह को व्यवस्थित करने और तनाव को कम करने में लाभमंद होता है।

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक चटाई पर पेट के बल लेट जाएं।
अपने दोनों हाथों को फर्श पर रखें।
अपनी दोनों हथेलियों को छाती के पास रखें और अपने ऊपरी शरीर को पीछे की तरफ उठाएं।लंबी गहरी सांस लेते रहें, अब अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
इस प्रक्रिया को भी आप 3-5 बार दोहरा सकते हैं आप चाहें तो धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ा भी सकते हैं।