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युगपुरुष स्वामी विवेकानंद की जयंती पर करबला लोधिया स्थित विवेकानंद स्मृति स्थल में हुए कई कार्यक्रम, स्कूली छात्र—छात्राओं ने रंगारंग प्रस्तुतियां दी

UTTRA NEWS DESK
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अल्मोड़ा। 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद की जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाई गई। यहां करबला लोधिया स्थित स्वामी विवेकानंद के स्मृति स्थल ‘स्वामी विवेकानंद स्मारक विश्राम गृह’ में रामकृष्ण कुटीर की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें राइंका लोधिया के छात्र—छात्राओं समेत कई लोगों ने प्रतिभाग किया।

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सर्वप्रथम राजकीय इंटर कॉलेज लोधिया के छात्र—छात्राओं ने लोधिया बाजार होते हुए विवेकानंद शिला तक जोरदार विजयघोष करते हुए प्रभातफेरी निकाली। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, रामकृष्ण कुटीर के अध्यक्ष स्वामी ध्रुवेशानंद समेत अन्य अतिथियों द्वारा स्वामी विवेकानंद के चित्र सम्मुख दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य लोगों का स्वागत करते हुए स्वामी ध्रुवेशानंद ने छात्र—छात्राओं व युवाओं से स्वामी​ विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेते हुए राष्ट्र निर्माण के लिए आगे आने को कहा।

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अपने संबोधन में मुख्य अतिथि पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति का विश्वभर में प्रचार—प्रसार किया। जिससे भारतीय संस्कृति को एक नई पहचान मिली। इसके अलावा उनके ओजस्वी विचार आज भी युवाओं को काफी प्रेरित करते है। उन्होंने युवाओं से स्वामी विवेकानंद के बताए मार्गों पर चलने का आह्वान किया।


एसएसजे परिसर के इतिहास विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. चंद्र प्रकाश फुलोरिया ने इस स्थल की ऐति​हासिक पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद 1890 में अपनी पहली कुमाउं यात्रा के दौरान जब नैनीताल, काकड़ीघाट होते हुए यहां पर पहुंचे थे तो अत्यधिक थकान के चलते वह एक शिला में मूर्छित हो गए थे।

स्थानीय फकीर जुल्फीकार अली ने ककड़ी का रस उनके मुंह में डाला जिसके बाद विवेकानंद होश में आए। इस दौरान अन्य कई वक्ताओं ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए स्वामी जी के जीवन पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के दौरान जीआईसी लोधिया के छात्र—छात्राओं ने स्वामी जी पर आधारित भाषण, कविता, प्रेरक प्रसंग, स्वदेश मंत्र समेत रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक राजेंद्र खड़ायत ने किया।

इस अवसर पर रामकृष्ण कुटीर के स्वामी श्रवनानंद महाराज, अनुराग महाराज, हेम चंद्र तिवारी, रूप सिंह बिष्ट, राजेंद्र सिंह लटवाल, नीरज भट्ट समेत कई शिक्षक व छात्र—छात्राएं मौजूद थे।

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