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विराट कोहली ने नही छोड़ी कप्तानी, जबरन छीनी गयी है कप्तानी, जानिए क्यों

Newsdesk Uttranews
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Team India के दिग्गज bowler Rohit Sharma को oneday team का नया captain नियुक्त किया गया है। उन्हें Virat kohli की जगह पर उन्हें ये कमान सौंपी गई है। आपको बता दें कि इसी साल विराट पहले ही oneday team की captaincy छोड़ चुके हैं। लेकिन इसी बीच एक बड़ा खुलासा इस बात को लेकर हुआ है कि विराट oneday team की कमान नहीं छोड़ना चाहते थे और BCCI ने जबरन उनसे कप्तानी छीनी है।

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BCCI ने छीनी विराट से कप्तानी

World Cup में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद ऐसा होना ही था और बुधवार को BCCI ने Virat Kohli को भारत की oneday team के कप्तान पद से हटाकर बागडोर Rohit Sharma को सौंप दी। आपको बता दें कि BCCI ने Kohli के oneday की कप्तानी से हटने के लिए पिछले 48 घंटों का इंतजार किया लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। फिर 49वें घंटे में कोहली Rohit Sharma को यह पद गंवा बैठे जो होना ही था। शायद किसी को यह बताने के लिए उसका समय हो चुका है, Kohli की बर्खास्तगी के बारे में BCCI के बयान में जिक्र भी नहीं किया गया जिसमें सिर्फ कहा गया कि चयन समिति ने आगे बढ़ने के दौरान रोहित को वनडे और T20 international team का कप्तान बनाने का फैसला किया है। Kohli ने बस यूं ही अपनी कप्तानी गंवा दी।

2023 world cup के लिए हुआ फैसला

BCCI और national selection committee ने Kohli को कप्तानी से हटा दिया क्योंकि वो 2023 one day कप तक एक नए कप्तान को सेट करना चाहते हैं। जिस पल भारत ट20 World Cup के ग्रुप चरण से बाहर हुआ, Kohli को captaincy से हटाया जाना तय हो गया था लेकिन BCCI अधिकारी पिछले साढ़े 4 सालों से team के कप्तान को सम्मानजनक रास्ता देना चाहते थे। अंत में ऐसा लगता है कि Kohli ने BCCI से कहा कि उन्हें बर्खास्त करके दिखाओ और खेल की शीर्ष संस्था ने आगे बढ़कर ऐसा ही किया और फिर उनके सामने इसे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।

शानदार रहा कोहली का सफर

Kohli की कप्तानी का दौर खुद में एक शानदार दास्तां रहा है। ‘कूल’ Mahendra Singh Dhoni ने अपने नेतृत्व में Kohli को तैयार किया और फिर जब उन्हें लगा कि समय आ गया तो उन्होंने सफेद गेंद की जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी। अगले 2 सालों में कोहली टीम के ताकतवर कप्तान बन गए जो अपने हिसाब से चीजें करता। फिर Supreme court द्वारा गठित की गई प्रशासकों की समिति थी जिन्होंने उनकी हर मांग को पूरा किया। फिर पारंपरिक प्रशासकों की वापसी हुई जिसमें बहुत ताकतवर सचिव और अध्यक्ष थे जो खुद ही सफल कप्तानी के बारे में जानकारी रखते थे। अंत में सफेद गेंद के दोनों format के लिए दो अलग-अलग कप्तानों की कोई जगह नहीं रही।