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उत्तराखंड:: अनदेखी से नाराज लैब टेक्नीशियन आंदोलन की राह पर, कल से शुरू होगा चरणबद्ध आंदोलन

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा, 10 अक्टूबर 2021- लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार से मांग कर रहे लैब टेक्नीशियन भी आंदोलन की राह में हैं।
लंबित मांगों पर अनदेखी से नाराज़ लैब टेक्नीशियनों ने कल यानि 11 अक्टूबर से चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी है। शुरुआत में सभी कार्मिक 15 अक्टूबर तक बांह में काला फीता बांध कर काम करेंगे।

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एसोसिएशन का कहना है कि लैब टेक्नीशियन संवर्ग चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का एक महत्वपूर्ण अंग है। बिना सही जांच के किसी भी बीमारी का इलाज सम्भव नहीं है ‌।

लैब टेक्नीशियन का कार्य बहुत महत्वपूर्ण एवं सवेदनशील है। लैब टेक्नीशियन पूरे राज्य की सभी पैथोलाजी लैबो, रक्तकोषों, वीआईपी ड्यूटी, राष्ट्रीय कार्यक्रम एवं समस्त कोरोना मरीजों का सैम्पल कलैक्शन एव टेस्टिंग को पैथोलॉजिस्ट न होने के बावजूद भी बड़ी जिम्मेदारी के साथ निर्वहन कर रहे है, लेकिन राज्य निर्माण के 21 साल पूर्ण होने के उपरान्त भी घोर उपेक्षा के शिकार हैं। लैब टैक्नीशियन एशोसिएशन अपनी मांगो के लिये कई वर्षों से शासन प्रशासन से गुहार लगा रहा है परन्तु लैब टैक्नीशियन ऐसोसियेशन को बार-बार नजर अंदाज किया जा रहा है जो अत्यन्त निराशाजनक है।


कोविड काल में जिस समय कोरोना मरीज पर हाथ लगाने को मरीज के परिवार वाले भी डर रहे थे, उस महामारी में लैब टैक्नीशियन सवंर्ग ही ऐसा संवर्ग था जिसने अपनी जान पर खेल कर सबसे पहले उनकी संपलिंग एवं टैस्टिंग कर पूरे समाज को बचाने में फ्रंट लाईन वर्कर का काम किया लेकिन अफसोस कि बात है कि सरकार द्वारा अन्य कैडर को प्रोत्साहन देकर लैब टैक्नीशियन के मनोबल को गिराया जा रहा है।
उत्तराखण्ड को बने हुए 20 साल हो जाने के बावजूद भी लैब टैक्नीशियन सवर्ग प्रमोशन एवं सेवानियमावली से वंचित किया गया है।


उत्तराखण्ड में लैब टेक्नीशियन जिस पद पर भर्ती होता है उसी पद पर रह कर सेवानिवृत्त हो जाता है । उत्तराखण्ड में इस कैडर के प्रमोशन के कोई भी पद नहीं है। जबकि भारत सरकार में लैब टैक्नीशियन कैडर के प्रमोशन के चार पद हैं।

महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा 2016 में चिकित्सा विभाग के अंतर्गत कार्यरत लैब टैक्नीशियन के कैडर पुर्नगठन हेतु भारत सरकार की तर्ज पर कैडर पुर्नगठन करने हेतु पत्रावली शासन को प्रेषित कर दी गयी थी । जो कि अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है । जिस पत्रावली पर शासन द्वारा बार बार आपत्तिया लगाई जा रही है जो अत्यंत अफसोस जनक हैं। जिस कारण उत्तराखण्ड में लैब टेक्नीशियन के नए पद भी सृजित नहीं हो पा रहे हैं।

लैब टैक्नीशियन फ्रंट लाईन में रहकर एचआईवी, वीडीआरएल, टीबी, लेप्रोसी, डेंग्यू, कोरोना जैसी महामारी में सबसे पहले मरीज के संपर्क में आते हैं। जिससे उनको हमेशा इन बिमारियों से ग्रसित होने का जोखिम बना रहता है। कोरोना काल में लगभग 90 प्रतिशत लैब टैक्नीशियन कोरोना महामारी से ग्रसित हो गए थे।


संक्रमण की वजह लेब टेक्नीशियनों ने अपने परिवार वालो को भी खो दिया लेकिन अभी तक उत्तराखण्ड में लेब टैक्नीशियन को कोई भी जोखिम भत्ता नहीं दिया जाता है जबकि केन्द्र में लैब टैक्नीशियन को जोखिम भत्ता (HPCA) का लाभ दिया जा रहा है।


लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह बडवाल व प्रदेश महासचिव चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि लैब टैक्नीशियनों कल यानि 11अक्टूबर से चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है जिसमें 11 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक काला फीता बांध कर विरोध प्रदर्शन करने, 16 अक्टूबर को समस्त प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक / मुख्य चिकित्सा अधीक्षक / प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन देने, 18 अक्टूबर को समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी को ज्ञापन देने, 19 अक्टूबर को निदेशक कुमाऊ / निदेशक गढ़वाल को ज्ञापन, 20 से 22 तक मुख्यमंत्री ,स्वास्थ्य मंत्री व समस्त विधायको को ज्ञापन और 23 को उत्तराखंड राज्य के सभी लैब टैक्नीशियनों द्वारा एक दिवसीय सामूहिक आकस्मिक अवकाश लेकर महानिदेशालय में विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर लैब टैक्नीशियन ऐसोसियेशन की ओर से कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।