उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और राज्य सरकार इसे लेकर पूरी तरह सतर्क और सक्रिय नजर आ रही है। धर्मस्व और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि सरकार ने यात्रा मार्ग पर किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए सभी जरूरी प्रबंध किए हैं। अब तक केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए 16 लाख से अधिक श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा चुके हैं।
मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि यात्रा मार्ग से जुड़े सभी जिलों में व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए सरकार ने 12 करोड़ 75 लाख रुपये का बजट जारी किया है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य कराएं और शासन द्वारा तय नियमों का पालन करें।
इस बार 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे, जबकि केदारनाथ के द्वार 2 मई को और बदरीनाथ के 4 मई को खुलेंगे। वहीं, हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिए जाएंगे। अब तक यमुनोत्री के लिए 2 लाख 79 हजार 697, गंगोत्री के लिए 2 लाख 89 हजार 774, केदारनाथ के लिए 5 लाख 51 हजार 745, बदरीनाथ के लिए 4 लाख 84 हजार 480 और हेमकुंड साहिब के लिए 23 हजार 494 श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं।
नैनीताल के चौरसा क्षेत्र में मंत्री सतपाल महाराज ने साधना ध्यान उपवन केंद्र का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे उत्तराखंड के शांत वातावरण में ध्यान और साधना के लिए आएं। उन्होंने कहा कि इस तरह के केंद्रों से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि पर्यटन को भी नई दिशा मिलती है। कार्यक्रम में ध्यान उपवन के आनंद लामा ने भी भाग लिया और आशा जताई कि यह केंद्र विश्व शांति का संदेश देगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण स्थानों को पहचानने और संरक्षित करने की आवश्यकता है, ताकि देश-विदेश से लोग यहां आकर शांति और सुकून का अनुभव कर सकें।