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उत्तराखंड की जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है सरकार, 2 दिन में ही सत्र समाप्त: कांग्रेस

editor1
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उपनेता प्रतिपक्ष करन मेहरा

देहरादून। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता की समस्याओं को लेकर किसी स्तर पर भी गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने 5 दिन का विधानसभा सत्र केवल 2 दिन में समेटकर यह साबित कर दिया है। पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विस अध्यक्ष ऋतु का यह कहना कि बिना बिजनेस के सदन चलाना जनता के धन की बर्बादी होगी। उन्होंने कहा कि बिजनेस होता नहीं है, बल्कि बनाया जाता है। विधानसभा सदन में इस बार 14 कानून पास कर दिये जबकि विधेयकों की कापी विधायकों को नहीं दी जाती। विधायक अध्ययन करते, चर्चा करते और अच्छा कानून बनता पर ऐसा हुआ नहीं।

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माहरा ने संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अंकिता मर्डर केस में दिये गये जवाब पर घोर आपत्ति जतायी, जिसमें उन्होंने कहा कि कोई वीआईपी नहीं था, अग्रवाल का यह बयान हाउस के भीतर गैरजिम्मेदाराना है। लड़की ने खुद अपनी चैट में वीआईपी के लिए प्रताड़ित करने की बात कही थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रदेश की जनता इस उम्मीद में थी कि सरकार हाउस में अंकिता को न्याय दिलाने का भरोसा

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उन्होंने नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पुलिस प्रमुख को आड़े हाथ लिया। प्रदेश में 269 महिलाओं का अपहरण, 139 हत्याएं, 554 दुष्कर्म के मामले इस वर्ष सामने आये हैं। सरकार इसमें घिर रही थी लेकिन सदन को चलने ही नहीं दिया और न ही किसी मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कोई कमी नहीं की। 619 प्रश्न लगाये गये थे, लेकिन सरकार ने सदन ही नहीं चलाया।

माहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी विधानसभा सदन को गंभीरता से नहीं लिया। सदन से ज्यादा उन्हें दिल्ली एमसीडी के चुनाव लगे। एक ऐसे व्यक्ति के भरोसे सदन में जवाब देने के लिए छोड़ गये जो खुद बैकडोर भर्ती का दोषी है। माहरा ने कहा कि सरकार पूरी मनमानी चाहती है। बैकडोर भर्ती के मुद्दे पर चर्चा नहीं कराना एकदम गलत निर्णय है। जब पीठ के निर्णय की जांच आईएएस अधिकारी से करायी जाती है तो इस पर चर्चा सदन के भीतर क्यों नहीं की जा सकती है। हम विधानसभा अध्यक्ष से मांग करते हैं कि कोटिया कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करें।