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uttarakhand election 2022:बाहर से आए नेताओं को मिला आप का भरपूर स्नेह, अधिकांश को टिकट भी

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उत्तरा न्यूज डेस्क, 18 जनवरी 2022— यूं तो चुनाव में जीत के लिए ही राजनीतिक दल प्रतिभाग करते हैं। यहां जीते तो मंजिल मिली अन्यथा चूके ।

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लेकिन जीत और संगठन के बीच में पहले विचारधारा एक अहम रहती थी।
लेकिन अब चुनाव केवल जीत के लिए लड़े जाते हैं। ऐसी स्थिति में अधिकांश राजनीतिक दल केवल जीत सकने या जीतने वाले दावेदारों पर ही दांव लगाता है।

राष्ट्रीय दल हमेशा इसी फार्मूले पर काम करते दिखते हैं।लेकिन राजनीति बदलने को आने की बात कहने वाली आम आदमी पार्टी (AAP)ने भी उत्तराखंड में केवल जीत के आगे मंजिल है वाली कहावत को ही सही माना है।


उत्तराखंड में पहला विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (Aam Adami Party)ने अपने यहां आने वाले हर बाहरी पार्टी के नेता का न केवल दिल खोल कर स्वागत किया है वरन अधिकांश लोगों को टिकट देकर मैदान में उतारा है।

यह बात इसलिए कही जा रही है कि पंजाब में दूसरे दल खासकर कांग्रेस के नेताओं के लिए एक अलग संबोधन देने और उनकी आप(AAP) में जगह नहीं होने की बात करने वाले केजरीवाल की बयानों के उलट उत्तराखंड में बाहर से आए नेताओं पर दिलखोल कर स्नेह लुटाया गया है। उन्हें टिकट देकर मैदान में उतारा गया है।

ऐसे में पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ता मायूस हैं तो कुछ लोग सोशल मीडिया में इस बात को उठा भी रहे हैं। सोशल मीडिया में ही कई पुराने कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देने की बात भी कही है।


अल्मोड़ा जिले की बात करे तो सोमेश्वर सीट पर उतारे गए हरीश आर्या जरूर पूराने आप (AAP)कार्यकर्ता हैं वह 2014 का लोक सभा चुनाव आप के टिकट पर लड़ चुके हैं। लेकिन इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे और इस बार फिर आप में उनकी वापसी हुई।

अल्मोड़ा सीट पर कांग्रेस के प्रोफेसनल प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद पर रह चुके अमित जोशी ने आप ज्वाइन की। उन्हें आप ने प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया और अब अल्मोड़ा से टिकट दे दिया है।

जागेश्वर सीट पर टिकट हासिल करने वाले तारा दत्त पांडे भी पूर्व में बसपा से चुनाव लड़ते रहे हैं। तारा दत्त पांडे ने इसी बार आप ज्वाइन की और उन्हें भी प्रत्याशी बनाया गया। बागेश्वर सीट से बसंत कुमार भी बसपा से आप में आए और उन्हें टिकट दिया गया। कपकोट से भूपेश उपाध्याय ने भी आप ज्वाइन की और उन्हें भी टिकट दिया गया।

भूपेश पिछला चुनाव बसपा से लड़ चुके हैं इससे पहले वह कांग्रेस और भाजपा दोनो में रह चुके हैं। रामनगर के शिशुपाल रावत भी कांग्रेस छोड़ आप में आए थे।

थराली में गुड्डू लाल ने भी भाजपा छोड़ आप की सदस्यता ली। इसी तरह कुछ अन्य नेता भी हैं जो दूसरे दलों को छोड़ आप में आए और पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बना दिया।

हालांकि यह पूरी तरह आप पार्टी का अंदरूनी मामला है और अधिकार भी कि वह किसे अपना प्रत्याशी बनाए लेकिन राजनीतिक सुचिता और दल बदल का विरोध आप हमेशा करती आई है। कहीं कचरा नहीं लेंगे जैसा बयान आता है तो कहीं पुराने और ईमानदार कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देकर बदलाव का हिस्सा बनाने की बात इसी पार्टी द्वारा लगातार उठाई जाती है।


अल्मोड़ा में भी कई कार्यकर्ता पार्टी के स्थापना के समय से जुड़े हैं। इनमें कई वरिष्ठ भी है तो कई कार्यकर्ता युवा हैं और लंबे समय से पार्टी से जुड़े हैं।
अल्मोड़ा में पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे भुवन जोशी का कहना है कि टिकट वितरण हमारी पार्टी का आंतरिक मामला है लेकिन टिकट वितरण में पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी कई बार दुख देता है। और टिकट वितरण की प्रक्रिया में पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाना चाहिए था।