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उत्तराखंड विधानसभा में सारी नियुक्तियां अवैध तो कार्रवाई कुछ पर ही क्यों ? करन माहरा

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देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखंड विधानसभा बेकडोर भर्ती मामले में विचार रखते हुए कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने हाईकोर्ट में एफिडेविट देते हुए खुद ही मुख्यमंत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को कठघरे में खड़ा कर दिया है। कहा कि यदि उत्तराखंड विधानसभा में सारी नियुक्तियां अवैध है तो कार्रवाई आधों पर ही क्यों ? माहरा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से हाईकोर्ट में दिए एफिडेविट में स्पष्ट है कि सचिवालय अधिकारियों और वित्त विभाग की असहमति के बाद भी मुख्यमंत्री ने विचलन के जरिये विधानसभा भर्तियों को मंजूरी दी। वहीं विधानसभा प्रशासन के इंकार के बावजूद भी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने नियुक्तियां की।

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करन माहरा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने वर्तमान तक भी जांच कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है। कहा कि उनके पास विभिन्न स्रोतों से आई रिपोर्ट में साफ है कि सभी भर्तियां अनियमित हैं। ऐसे में सभी भर्तियों पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने 2016 से पहले की भर्तियों पर विधिक राय लेने की बात कही लेकिन इसका अब तक अता-पता नहीं है। माहरा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कोटिया समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर वस्तुस्थिति जनता के सामने रखें। साथ ही सभी जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।