उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री का दावा — पूरे किये 85 फीसदी वायदे

Newsdesk Uttranews
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देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल पर वर्चुअल प्रेस वार्ता में दावा किया कि राज्य सरकार ने जनता के किये गये वायदों में से 85 प्रतिशत का पूरा कर लिया है।

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम कर रही है। 4 बंदर रेस्क्यू सेंटरों की स्थापना, 125 किमी जंगली सूअर रोधी दीवार, 50 किमी सोलर फेंसिंग, 13 किमी हाथी रोधी दीवार, 250 किमी हाथी रोधी खाईयों का निर्माण किया गया।

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मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि महिला पौधालयों की स्थापना पर भी काम किया जा रहा है दावा किया कि इससे लगभग 20 हजार महिलाओं को रोजगार दिया जा सकेगा। कहा कि एक वैश्विक स्तर का साईंस कॉलेज और प्रदेश के 5 हजार स्कूलों में हिमालय इको क्लबों की स्थापना की कार्ययोजना भी बनाई गई है।

वर्चुवल प्रेस कांफ्रैस में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दावा करते हुए कहा कि अप्रैल 2017 से सितम्बर 2020 तक विभिन्न विभागों के अंतर्गत कुल 7 लाख 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया। इनमें से नियमित रोजगार लगभग 16 हजार, आउटसोर्स/अनुबंधात्मक रोजगार लगभग 1 लाख 15 हजार और स्वयं उद्यमिता/प्राईवेट निवेश से प्रदान/निर्माणाधीन परियोजनाओं से रोजगार लगभग 5 लाख 80 हजार है।
कहा कि वर्ष 2017 से 2020 तक कुल 59 परीक्षाओं के बाद 6000 पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी हो गई है। कहा कि इस समय उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 7200 पदों पर अधियाचन/भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।


मुख्यमंत्री ने मनरेगा योजना को भी अपनी उपलब्ध्यिों में गिनाते हुए दावा किया कि प्रति वर्ष 6 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है। कहा कि कोविड के दौरान इसमें अतिरिक्त रोजगार दिया गया है और पिछले वर्ष की तुलना में 84 हजार अतिरिक्त परिवारों को रोजगार दिया गया है। कहा कि आगामी तीन माह में कैम्पा के अंतर्गत 40 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। और इसमें एमएसएमई के तहत इसमें ऋण और अनुदान की व्यवस्था की गई है। और युवाओं के लिये इस योजना में लगभग 150 प्रकार के काम शामिल किए गए हैं।

गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाये को अपनी सरकार की उपलब्धि बताते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि अब गैरसैण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है। भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है। दावा करते हुए कहा कि अटल आयुष्मान योजना में राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रूपए वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य है।कहा कि अभी 2 लाख 5 हजार मरीजों को योजना में निशुल्क उपचार मिला है। जिस पर 180 करोड़ रूपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा देते हुए देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पताल इसमें सूचीबद्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था के चलते कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस सरकार की प्रमुख नीति है।


कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के बाद पहले चरण में 25 हजार करोड़ रूपए से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। अगले डेढ़ वर्ष में इसे 40 हजार करोड़ तक करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि किसानों को तीन लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के गन्ना किसानों को अवशेष गन्ना मूल्य का शत प्रतिशत भुगतान दिया जाना सुनिश्चित किया गया है।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि डबल इंजन का असर राज्य में साफ-साफ देखा जा सकता है। कहा कि केंद्र सरकार ने लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत की है। जिनमें से कई योजनाओं पर तेजी से काम भी चल रहा है। इनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना़, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियोजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, भारत नेट फेज -2 परियोजना आदि मुख्य है।

मुख्यमंत्री रावत ने दावा किया कि राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। और उनकी सरकार ने साढ़े तीन वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारत नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल है। कहा कि राज्य को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट घोषित किया गया। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को सात पुरस्कार मिले हैं। ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ अभियान में ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया। उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दूसरी बार कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार दिया गया। जैविक इंडिया अवार्ड 2018 के साथ ही मनरेगा में देशभर में सर्वाधिक 16 राष्ट्रीय पुरस्कार राज्य को मिले। मातृत्व मृत्यु दर में सर्वाधिक कमी के लिए उत्तराखण्ड को भारत सरकार से पुरस्कृत किया गया है।

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार को लोक कल्याणकारी सरकार बताते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन की राशि को 1000 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1200 रूपए प्रतिमाह किया गया। ग्राम प्रहरियों का मानदेय 2000 हजार रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है। कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां अनाथ बच्चों की चिंता करते हुए उनके लिए सरकारी सेवाओं में आरक्षण की व्यवस्था की गई है। दुर्घटना राहत राशि को मृत्यु पर 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख, गम्भीर घायल होने पर 20 हजार से बढ़ाकर 40 हजार और साधारण घायल होने पर 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रूपए किया है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दी जा रही है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है।

कोविड-19 से लड़ाई के लिये तैयार है उत्तराखण्ड

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में सभी के सहयोग से कोविड-19 से लड़ाई लड़ी जा रही है।सर्विलांस, सैंपलिंग, टेस्टिंग पर फोकस किया जा रहा है। राज्य में हेल्थ सिस्टम को मजबूत किया गया है। दावा किया कि कोविड से लड़ने के लिये राज्य में पर्याप्त संख्या में कोविड अस्पताल, आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, आक्सीजन सपोर्ट बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। ​कहा कि राज्य के सभी जनपदों में आई0सी0यू0 स्थापित किए जा चुके हैं। वर्तमान में 5 सरकारी और विभिन्न प्राईवेट लेब में कोविड-19 के सैंपल की जांच हो रही है। कहा कि राज्य में वर्तमान में 481 आईसीयू बेड, 543 वेंटिलेटर, 1846 आक्सीजन सपोर्ट बेड, 30500 आईसोलेशन बेड उपलब्ध हैं।

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