केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के विकल्प के रूप में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की शुरुआत की है। यह योजना केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू होगी, जो पहले से ही NPS के तहत पंजीकृत हैं। कर्मचारियों को यह विकल्प दिया जाएगा कि वे NPS या UPS में से किसी एक को चुन सकते हैं। इस योजना का आधिकारिक ऐलान 24 जनवरी 2025 को हुआ था और इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा।
इस योजना के तहत, सरकारी कर्मचारियों को उनकी आखिरी 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% निश्चित पेंशन के रूप में मिलेगा। हालांकि, इसके लिए कर्मचारी को कम से कम 25 साल की सेवा पूरी करनी होगी। यदि किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को कर्मचारी की पेंशन का 60% पेंशन के रूप में मिलेगा।
इसके अलावा, जो कर्मचारी कम से कम 10 साल की नौकरी पूरी करते हैं, उन्हें न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी। यह पेंशन महंगाई राहत (Dearness Allowance) के आधार पर बढ़ती रहेगी, जो ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-W) के अनुसार तय होगी।
वर्तमान में NPS के तहत कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 10% योगदान देते हैं और सरकार 14% का योगदान करती है। लेकिन UPS लागू होने के बाद, सरकार का योगदान बढ़कर 18.5% हो जाएगा। इससे सरकारी खजाने पर पहले साल लगभग 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम सिर्फ उन्हीं केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगी, जो पहले से NPS के तहत आते हैं। जिन कर्मचारियों ने UPS को चुन लिया, वे अन्य किसी वित्तीय लाभ, पॉलिसी बदलाव या छूट के हकदार नहीं होंगे।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की मांग के बीच लाई गई है। ओल्ड पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को उसके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था, लेकिन इसमें सरकार को भारी वित्तीय बोझ उठाना पड़ता था। UPS में इसका एक संतुलित विकल्प दिया गया है, जिसमें NPS के मुकाबले अधिक निश्चित पेंशन दी जाएगी, लेकिन OPS की पूरी बहाली नहीं होगी।
UPS लागू होने से करीब 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा। इससे निश्चित पेंशन की गारंटी मिलेगी और महंगाई के आधार पर पेंशन में बढ़ोतरी भी होगी। हालांकि, यह योजना अभी केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों तक सीमित है और राज्य सरकारों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सरकार का कहना है कि UPS, OPS और NPS के बीच एक संतुलित योजना है, जो कर्मचारियों को निश्चित पेंशन का लाभ देती है और साथ ही सरकारी वित्तीय बोझ को भी नियंत्रित रखती है।