मुंगेर के भगत सिंह चौक के प्लस टू टाउन उच्च विद्यालय में बच्चों को पीटी के दौरान शारीरिक शिक्षा और लाइब्रेरी शिक्षिका ने कलावा को लेकर तीन दर्जन से ज्यादा बच्चों को डाटा और मारा।
बच्चों ने जब यह बात घर पर बताई तो घर वालों ने हंगामा किया। कई बच्चों के परिजन स्कूल पहुंचे लेकिन प्रधानाचार्य और शिक्षक सही जवाब नहीं दे पाए। उल्टा परिजनों से उलझने लगे। इससे परिवार वाले और गुस्से में आ गए और स्कूल के बाहर बवाल काट दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों शिक्षिकाएं हिंदू धर्म को निशाना बना रही हैं क्योंकि उन्होंने कलावा पहने बच्चों को अलग करके मारा और डरा-धमकाया।
परिजनों का कहना है कि यह शिक्षिकाएं क्रिश्चियन धर्म को मानती है और इसी वजह से हिंदू बच्चों के साथ ऐसा बर्ताव करती हैं।
उन्होंने शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है। शारीरिक शिक्षिका सुनीता कुमारी और लाइब्रेरी शिक्षिका श्वेता प्रिया का कहना है कि स्कूल में कई बच्चे अपनी कलाई में लाल और काला धागा बांधकर आते हैं। ऐसे में कुछ बच्चे लंबे बाल लेकर भी स्कूल आते हैं।
इसलिए पीटी के दौरान उन्हें सभी बच्चों को अनुशासन में रहने की हिदायत दी और कहा कि वह पतला धागा बांधे बाल कटवाए और स्कूल की ड्रेस पहने।
उन्होंने साफ किया कि बच्चों या परिजनों द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह गलत है। उनका मकसद किसी भी धर्म को आहत करना नहीं था। उन्होंने कहा कि कुछ बच्चों को अनुशासन में रहने के लिए पीटा गया लेकिन जो बच्चे रक्षा सूत्र पहले से उनकी पिटाई नहीं की गई है।
स्कूली छात्र केशव राज और देवाशीष ने बताया कि पीटी के दौरान शिक्षिका ने सभी बच्चों के हाथों में बंधे धागे को देखकर उन्हें खोलने के लिए कहा, लेकिन कई बच्चों ने इसका विरोध किया। इसलिए कुछ बच्चों की पिटाई हुई। कई छात्र आज कच्चे धागे पहनकर स्कूल नहीं भी आए थे उन्होंने कहा कि कभी पीटी शिक्षिका ने कोई भी हिदायत नहीं दी।
शिक्षिका ने कहा कि तुम लोग स्कूल में धर्म प्रचार कर रहे हो। इस मामले पर जब जिला शिक्षा पदाधिकारी असगर अली से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई मामला सही निकला तो शिक्षा विभाग इसकी जांच करेगी और दोषी शिक्षिकाओं के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी।