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उत्तराखंड के पर्यटन स्थल नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। हर वर्ष लाखों पर्यटक यहां की वादियों का दीदार करने के लिये आतेह है। पर्यटन मंत्रालय पर्यटकों को उत्तराखण्ड लाने के लिये अपनी कोशिशे कर रहा है हर जिले में एक नये पर्यटन स्थल को तलाश कर उसे विकसित किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में कई खूबसूरत जगहें हैं जो हमेशा पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। कहा कि सरकार पर्यटकों की सुविधाओं के अनुसार नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने का काम कर रही है। होमस्टे योजना के तहत अभी तक प्रदेश भर में करीब 3500 होमस्टे पंजीकृत हो चुके हैं। जिससे उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि 13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना के तहत प्रदेश भर में नए पर्यटन स्थलों को तलाश कर उन्हें विकसित करने के लिए काम किए जा रहे हैं। जिनसे पर्यटकों को इन स्थानों पर वर्ककेशन की सुविधा भी मिलेगी। उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने ट्रैक रूट पर आवासीय सुविधा बढ़ाने के लिए योजना बनाई है। इन गांवों के स्थानीय लोगों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिसमें राज्य के विभिन्न ट्रेक रूट पर होमस्टे विकसित किए जा रहे हैं।
नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तराखंड के कई पर्यटन स्थल देश-दुनिया के पर्यटकों को लुभा रहे हैं। पर्यटक अपनी इच्छा के अनुसार इन स्थानों का चयन कर अपनी यात्रा और छुट्टियों को यादगार बना सकते हैं, खासकर मानसून में। उत्तराखंड में मसूरी, नैनीताल जैसे कई पर्यटन स्थल हैं जो प्रसिद्ध होने के चलते यहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है। ऐसे में अगर आप भीड़ से दूर शांत जगहों पर जाना चाहते हैं तो आपके लिए कुछ पर्यटन स्थलों का चयन किया गया है। जहां आप अपने मानसून को यादगार बना सकते हैं।
आनंदित करती है चोपता की प्राकृतिक खूबसूरती और हरियाली
पहाड़ों की रानी मसूरी का सौंदर्य मानसून के दौरान और ज्यादा निखर जाता है। यदि आप मसूरी की तुलना में किसी विकल्प की तलाश कर रहे हैं तो चोपता जरूर जायेे। चोपता आपको हरे भरे परिदृश्य से लेकर शोर-मुक्त वातावरण तक सब कुछ देता है। हो—हल्ले से दूर शांत वातावरण और चोपता की प्राकृतिक खूबसूरती और हरियाली आपको आनंदित और तरोजाता कर देगी। चोपता फोटोग्राफी, बर्ड वॉचिंग, कैंपिंग, योग और ध्यान और अन्य गतिविधियों के लिए सबसे मुफीद जगह है।
कैसे पहुंचे चोपता
देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश से सड़क मार्ग से बस और टैक्सी के जरिए चोपता आसानी से पहुंचा जा सकता है। चोपता के आसपास आप चंद्रशिला ट्रेक, देवरिया ताल, दुग्गल बिटा, कालीमठ, सारी गांव का भी भ्रमण कर सकते हैं।
पर्यटन व आकर्षण का मुख्य केंद्र है टिहरी
42 वर्ग किमी में फैली टिहरी झील की गणना प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में होती है।अगर आपने टिहरी झील मे बोटिंग नही की तो कुछ नही किया। टिहरी झील में न केवल बोटिंग का लुत्फ उठाया जाता है बल्कि साहसिक खेल भी यहां आयोजित होते है। और अब यहां साहसिक खेल अकेडमी का संचालन भी शुरू हो गया है।
कैसे पहुंचे टिहरी
टिहरी राज्य के अधिकांश प्रमुख शहरों जैसे हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। गढ़वाल क्षेत्र के प्रमुख शहरों से बसें और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं। टिहरी के आसपास टिहरी में आप कांडालात, रानीचौरी, सुरकुंडा देवी मंदिर, खिर्सू का भी भ्रमण कर सकते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य का भंडार अल्मोड़ा
आप शांत वातावरण में प्राकृतिक सौंदर्य के लिये एक बार अल्मोड़ा जरूर आयें। शांत पर्वतीय स्थल अल्मोड़ा प्राकृतिक छटाओं से भरपूर है। धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के आस-पास कई पर्यटक स्थलों है। यहां जागेश्वर धाम, चितई गोलू देवता मंदिर, दूनागिरी, बिनसर महादेव, शीतलाखेत, रानीखेत जैसे कई प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। अल्मोड़ा नगर अपनी समृद्ध संस्कृति, अद्वितीय हस्तशिल्प और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए भी जाना जाता है।
कैसे पहुंचे अल्मोड़ा
अल्मोड़ा के सबसे नजदीक हवाई अड्डा पंतनगर और रेलवे स्टेशन काठगोदाम में स्थित है। जबकि सड़क मार्ग के जरिए भी आसानी से अल्मोड़ा पहुंचा जा सकता है। अल्मोड़ा के आस-पास गैराड़ ग्वैल देवता, चितई ग्वैल देवता मंदिर, डोलीडांडा, स्याहीदेवी, नंदा देवी मंदिर, बिनसर, कसार देवी मंदिर और रानीखेत भी जा सकते है। भारत का स्विट्जरलैंड कहे जाने वाला कौसानी भी यहां से ज्यादा दूर नही है।