आज पूरे उत्तराखंड में बरसेंगे बादल, नैनीताल-पिथौरागढ़ समेत 4 जिलों में भारी बारिश का खतरा, छह दिन तक नहीं मिलेगी राहत

Advertisements Advertisements उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज भी पूरे प्रदेश में आसमान से बूंदें गिरती रहेंगी। मौसम…

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उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज भी पूरे प्रदेश में आसमान से बूंदें गिरती रहेंगी। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि कई जगहों पर गरज के साथ बिजली चमक सकती है। खासकर कुमाऊं के चार जिलों में हालात थोड़े गंभीर हो सकते हैं। नैनीताल चंपावत पिथौरागढ़ और बागेश्वर के लोगों को खास एहतियात बरतनी होगी क्योंकि यहां कहीं कहीं तेज बारिश का खतरा बना हुआ है।

ये बरसात एक दिन की नहीं है। अगले छह दिन तक पहाड़ से लेकर मैदान तक हर जिले में रिमझिम या तेज बारिश होती रहेगी। देहरादून में मौजूद मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि आज पूरे राज्य के अलग अलग इलाकों में हल्की से लेकर मध्यम बारिश हो सकती है। इसी के साथ बादलों की गड़गड़ाहट और बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है।

कल यानी गुरुवार को भी राहत की कोई उम्मीद नहीं है। कुमाऊं के कई हिस्सों और मैदानों में कुछ जगह बारिश होगी। 30 मई को हालात थोड़े बहुत वैसे ही रहेंगे। पहाड़ों में कई स्थानों पर पानी बरसेगा और मैदानों में भी बूंदाबांदी हो सकती है।

31 मई को भी बादल मेहरबान रहेंगे। खासतौर पर पर्वतीय इलाकों में बारिश बनी रहेगी। इसके बाद एक जून और दो जून को भी पानी गिरने के आसार हैं। यानी महीने के अंत से लेकर जून की शुरुआत तक छाता और रेनकोट की जरूरत बनी रहेगी।

इसी बीच चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए भी खबर अहम है। यमुनोत्री में तापमान माइनस में पहुंच गया है। दिन में तापमान आठ डिग्री है जबकि रात में पारा फ्रीजिंग पॉइंट से नीचे चला गया है।

गंगोत्री में भी कड़ाके की ठंड है लेकिन यमुनोत्री से थोड़ी राहत है। यहां दिन में तापमान चौदह डिग्री तक है और रात का चार डिग्री।

केदारनाथ में भी सर्दी का कहर है। दिन में ग्यारह डिग्री और रात में एक डिग्री तापमान दर्ज किया गया है।

बदरीनाथ की बात करें तो यहां की ठंड और ज्यादा चुभने वाली है। दिन में पारा सात डिग्री तक है और रात का तापमान भी सिर्फ एक डिग्री तक पहुंच रहा है।

ऐसे में जो लोग इन धामों की यात्रा पर जा रहे हैं उनके लिए ये जरूरी है कि गर्म कपड़े साथ लेकर चलें वरना मुश्किल बढ़ सकती है। पहाड़ों की ठंड और बारिश दोनों ही इस वक्त पूरे रंग में हैं।