देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास से जुड़े तीन बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। ये फैसले सीधे तौर पर सहकारिता, पर्यटन और पशुपालन विभाग के कामकाज को प्रभावित करेंगे। बैठक के बाद सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने मीडिया को इन निर्णयों की जानकारी दी।
बैठक में सबसे पहले सहकारिता विभाग को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए एक नया पद स्वीकृत किया गया है। अब ‘उपनिबंधक (ऑडिट लेवल)’ के नाम से नया अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो जिला और ब्लॉक स्तर की सहकारी समितियों का ऑडिट करेगा। इसका मकसद है वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता लाना और संस्थाओं के संचालन में जवाबदेही तय करना।
पर्यटन विभाग से जुड़ा दूसरा फैसला बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान के तहत लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत बद्रीनाथ क्षेत्र में बन रहे आईएसबीटी की दीवारों पर धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से जुड़े चित्रों की पेंटिंग कराई जाएगी। इससे तीर्थ यात्रियों को न सिर्फ सांस्कृतिक माहौल का अनुभव मिलेगा, बल्कि बद्रीनाथ के धार्मिक महत्व को भी भावनात्मक रूप से महसूस किया जा सकेगा।
तीसरा और सबसे व्यावहारिक फैसला पशुपालन विभाग से जुड़ा है। सरकार ने ‘गंगा राज योजना’ और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए चलाई जा रही सब्सिडी योजना को एकीकृत करने का निर्णय लिया है। हालांकि नई सब्सिडी व्यवस्था पर अंतिम मुहर अगली कैबिनेट बैठक में लगेगी। इसके अलावा विभाग के तहत पशुधन प्रसार अधिकारियों के 429 रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया को तेज करने का फैसला भी लिया गया है। पहले यह प्रक्रिया दो साल में पूरी होती थी, लेकिन अब इसे घटाकर एक साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
इन तीनों फैसलों से साफ है कि सरकार विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ाने और जनता तक योजनाओं का लाभ समयबद्ध तरीके से पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। जल्द ही इन बदलावों का असर जमीनी स्तर पर भी नजर आने की उम्मीद है।