देहरादून नगर निगम के लिए गुरुवार को मतदान हुआ यहां के केशरवाला में विरोध के बीच कुल 423 मतदाताओं में से केवल 15 लोगों ने ही वोट डाला। यहां पर मतदान का प्रतिशत 3.55% ही रहा जो देहरादून में सबसे कम था।
लोग विरोध में धरने पर बैठे रहे। प्रशासन और पुलिस की मिन्नतों के बाद भी उन्होंने किसी की नहीं सुनी। केशरवाला के लोगों ने सड़क समेत विभिन्न समस्याओं को लेकर सप्ताह भर पहले बैठक कर चुनाव बहिष्कार का ऐलान भी किया था लेकिन प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों प्रतिनिधियों ने उन्हें समझाने का भी प्रयास नहीं किया।
ऐसे में ग्रामीण मतदान के लिए गुरुवार को पोलिंग बूथ के करीब 20 मीटर पहले धरने पर बैठ गए। सुबह 8:00 बजे से धरने पर बैठने के कारण 10:00 बजे तक कोई भी वोट यहां नहीं पड़ा था। सूचना पर तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव और सीओ अनिल जोशी मौके पर पहुंचे। तहसीलदार ने ग्रामीणों को समझने का बहुत प्रयास भी किया लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और वोट डालने से इनकार कर दिया।
सचिन पंवार, वीरेंद्र सिंह, विजय सोलंकी, केदार सिंह, राहुल बिंदोला ने बताया कि वो लंबे समय से सड़क निर्माण, बरसाती नालों की निकासी, स्ट्रीट लाइट, जंगली जानवरों से सुरक्षा आदि को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने उनकी एक नहीं सुनी।
केशरवाला के नहीं ओली गांव के वोट पड़े
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को पता था कि यहां के लोग वोट नहीं डालेंगे। इस बूथ पर ओली क्षेत्र को भी शामिल कर दिया गया। उन्होंने बताया कि जो 15 वोट पड़े हैं, वो ओली गांव के लोगों के हैं। केशरवाला के किसी भी व्यक्ति ने वोट नहीं डाला है।
सड़क पर लोगों को रोका
केशरवाला के लोग सुबह से ही सड़क पर खड़े हो गए थे। ओली गांव से वोट डालने आने वाले मतदाताओं को ग्रामीणों ने रोका। कुछ लोग ग्रामीणों के कहने पर बिना वोट डाले ही चले गए।