यमुना नदी में डूबने से छह बेटियों की मौत से मचा कोहराम, शादी की खुशियां मातम में बदलीं

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया।…

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उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया। यमुना नदी में नहाने गई छह किशोरियों की डूबकर मौत हो गई। इनमें से चार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दो ने इलाज के दौरान अस्पताल में अंतिम सांस ली। हादसे की भयावहता इस बात से और भी बढ़ गई कि मृतक लड़कियों में तीन सगी बहनें थीं और एक की शादी की तैयारियां चल रही थीं।

घटना थाना सिकंदरा क्षेत्र के नगला नाथू गांव की है, जहां मंगलवार सुबह एक ही परिवार की तीन बेटियां मुस्कान (18), दिव्या (15) और संध्या उर्फ कंचन (12), अपनी चचेरी बहन नैना (14), रिश्ते में मौसी लगने वाली शिवानी (17) और मौसेरी बहन सोनम (12) के साथ यमुना में नहाने गई थीं। इस दौरान मुस्कान और शिवानी गहरे पानी में चली गईं। जब वे डूबने लगीं तो बाकी लड़कियों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन सभी खुद भी पानी में समा गईं। उनके साथ मौजूद दीपेश किसी तरह बाहर निकला और जोर-जोर से चिल्लाया, जिसके बाद खेतों में काम कर रहे ग्रामीण दौड़े चले आए।

लगभग आधे घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने सभी किशोरियों को बाहर निकाला। चार लड़कियों को पुलिस की जीप से एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जबकि दो अन्य को निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां करीब दो घंटे बाद उनकी भी मौत हो गई। इस त्रासदी के बाद गांव में मातम पसर गया। हर घर से रोने-बिलखने की आवाजें आने लगीं।

मुस्कान की मौत ने परिवार को सबसे गहरा आघात दिया। कुछ ही दिनों पहले उसका रिश्ता सिकंदरा के महल गांव में तय हुआ था और एक नवंबर को देवोत्थान पर शादी होनी थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं, परिवार वाले कपड़े और सामान जुटा रहे थे। दादा विजय सिंह बताते हैं कि मुस्कान रोज अपने पिता के साथ ऑनलाइन कपड़े पसंद करती थी। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। जिस आंगन में बारात का स्वागत होना था, वहां अब छह बेटियों की लाशें एक साथ रखी गईं।

पिता सुरेश मजदूरी पर गए थे और मां कांता सत्संग में गई थीं। जब उन्हें हादसे की सूचना मिली तो दोनों नंगे पांव घर की ओर भागे। मां-बाप की चीखें पूरे गांव को कंपा गईं। उनके मुंह से बार-बार एक ही बात निकल रही थी – “हमारी बेटी के हाथ पीले करने का सपना अधूरा रह गया।”

हादसे से एक दिन पहले मुस्कान ने अपनी मौसी और मौसेरी बहन के साथ यमुना किनारे रील बनाई थी और सेल्फी ली थी। परिजन बताते हैं कि वे अकसर नदी किनारे वीडियो बनाते थे। सोमवार को भी उन्होंने ऐसा किया था, लेकिन मंगलवार को क्या ऐसा कुछ हुआ, यह कोई नहीं बता सका।

इस दर्दनाक घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। लखनऊ में मुख्यमंत्री सचिवालय तक बात पहुंची और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की।

घटनास्थल पर डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी, नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल, अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह, एडीसीपी आदित्य और एसीपी विनायक भोंसले सहित भारी प्रशासनिक अमला पहुंचा। परिजन शुरू में पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें समझाया कि कानूनी प्रक्रिया के बिना मुआवजा मिलने में बाधा आएगी। काफी देर की समझाइश के बाद वे तैयार हुए।

हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। जहां एक घर में शादी की शहनाइयां बजने वाली थीं, वहीं अब चीत्कार गूंज रही है। यह घटना न केवल एक परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि नदी जैसी जगहों पर सुरक्षा के प्रति लापरवाही कभी-कभी जीवन की सबसे बड़ी कीमत बन सकती है।