उत्तराखंड के हरिद्वार में कई घाटों में आचमन तक के लिए अब गंगाजल नहीं बचा है। ऐसे में यूपी, दिल्ली एनसीआर समेत अन्य सभी राज्यों से आने वाले भक्तजन काफी परेशान है। घाटों पर गंगाजल नहीं होने की वजह से पूजा अर्चना भी नहीं हो पा रही है।
गंगा घाट में गंगाजल नहीं होने की वजह से श्रद्धालुओं को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है।
वहीं दूसरी ओर स्थानीय निवासियों व्यापारियों सहित तीर्थ पुरोहितों ने विरोध कर यूपी सिंचाई विभाग पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यूपी सिंचाई विभाग द्वारा गंगाजल की अविरल धारा के साथ छेड़छाड़ कर करोड़ों भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
महानगर व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष सुनील सेठी के नेतृत्व में सर्वानंद घाट पर स्थानीय निवासियों भक्तगणों एवं तीर्थ पुरोहितों ने यूपी सिंचाई विभाग के खिलाफ गुस्सा व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि विभाग की उदासीनता की वजह से गंगा में गंदगी होने की वजह से डुबकी लगाने तक का गंगाजल नहीं है जिससे श्रद्धालु काफी परेशान हो रहे हैं।
पंडित महेश चन्द ने आरोप लगाया कि पिछले 6 महीने से उतरी हरिद्वार के तमाम घाटों पर जल नहीं आ रहा, जिसकी वजह से तीर्थ यात्री काफी परेशानी में हैं। कहना था कि गंगा की अविरल धारा को रोकने वाले अधिकारियों से स्पीष्टीकरण मांगना चाहिए।
चेताया कि घाटों में अगर जल्द ही पर्याप्त मात्रा में गंगाजल उपलब्ध नहीं कराया गया तो आंदोलन किया जाएगा।
तीर्थ पुरोहित राजू जोशी और पंडित मोहनलाल गौड़ का कहना है कि उत्तरी हरिद्वार शमशान घाट, सर्वानंद घाट, जयराम घाट, भीमगोडा से लेकर हरकी पौड़ी तक सबसे ज्यादा श्रद्धालु स्नान करते हैं।
ऐसे में देशभर में साल भर भारी संख्या में तीर्थ यात्री यहां आते हैं लेकिन घाटों में गंगाजल नहीं होने की वजह से वह मायूस होकर वापस लौट रहे हैं।
हरिद्वार के गंगा घाटों में पर्याप्त मात्रा पर गंगाजल नहीं होने की शिकायत विभाग के आला अधिकारियों से की गई थी। व्यापारियों का कहना है कि यूपी सिंचाई विभाग का संतोषजनक जवाब नहीं देना कई सवालों को खड़ा कर रहा है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव, हरिद्वार जिला अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपकर यूपी सिंचाई विभाग के गैर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ शिकायत भी की गई है।
उत्तराखंड के हरिद्वार में देश के कोने-कोने से लोग भारी संख्या में पहुंचते हैं ऐसे में वह गंगा घाटों पर डुबकी भी लगते हैं। यूपी के मुरादाबाद, नोएडा, सहारनपुर, बिजनौर, आदि शहरों सहित दिल्ली-एनसीआर और अन्य राज्यों से तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ हरिद्वार में रहती है। लेकिन, गंगा घाटों में गंगाजल नहीं होने से वह मायूस होकर वापस लौट रहे हैं।