कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी गिरावट, टूटा पिछले साल का रिकॉर्ड, जाने इसकी नई कीमत, अब मिलेगी राहत

पीपीएसी के अधिकारियों का कहना है कि कम समय के हिसाब से बास्केट की कीमत में फिलहाल कमी हुई है और ऐसा अमेरिका की तरफ…

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पीपीएसी के अधिकारियों का कहना है कि कम समय के हिसाब से बास्केट की कीमत में फिलहाल कमी हुई है और ऐसा अमेरिका की तरफ से टैरिफ प्लान आने के बाद हुआ है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमत कम हो गई है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में व्यापारिक तनाव के बीच कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।


अप्रैल के महीने में भारतीय बास्केट की औसत कीमत करीब 4 साल यानी 47 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। अप्रैल में क्रूड ऑयल की कीमत 68.34 रुपए पर आ गई है जो मार्च महीने में 72.47 थी यानी करीब 5.6% की कमी हुई है।

पेट्रोलियम एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के डेटा के मुताबिक, 2021 के मई के बाद से यह सबसे बड़ी गिरावट है।


अधिकारी का कहना है कि अभी फिलहाल कीमत कम रहेगी ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि अमेरिका की तरफ से टैरिफ प्लान आया है
रविवार को ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स पिछले सप्ताह के मुकाबले बढ़ा और 67.96 डॉलर प्रति बैरल का रहा।


मौजूदा डेटा से ये जाहिर होता है कि फाइनेंशियल ईयर 2025 में देश के क्रूड ऑयल की इंपोर्ट की मात्रा 4.2 प्रतिशत यानी 24.24 करोड़ टन हुई है, जो फाइनेंशियल ईयर 2024 के 23.23 करोड़ टन से अधिक है।


बताया जा रहा है कि यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद भारत में बड़ी मात्रा में रस से तेल आयात हो रहा है और अभी भी यही प्रक्रिया चल रही है 2023 में में में रूस भारत का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया और करीब 19.6 लाख बैरल रोजाना इंपोर्ट किया गया।


क्रूड ऑयल के भारतीय बास्केट का उपयोग भारत में क्रूड ऑयल के इंपोर्ट की कीमत के संकेतक के रूप में किया जाता है। भारत सरकार घरेलू कीमतों पर किसी तरह का फैसला करते वक्त इस सूचकांक पर नजर जरूर रखती है।