गर्वित बचपन से ही सेना में जाने का सपना देखता था सैन्य अधिकारी बनने के लिए उसने एनडीए की परीक्षा भी दी लेकिन उसे असफलता हाथ लगी जिसके बाद वह काफी तनाव में चला गया और आत्मघाती कदम उठा लिया।
जवान बेटे की मौत के बाद गर्वित के पिता दीपक सिंह का रो-रो कर बुरा हाल है। मां भी बदहवास है। दोनों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका बेटा असफलता के कारण इतना बड़ा कदम उठा लेगा।
माता-पिता ने बताया कि वह हमेशा पढ़ाई में होशियार रहा। पिता की तरह उसका बचपन से सेना में जाने का सपना था। यही कारण था कि उसने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में प्रवेश लिया।
पढ़ाई पूरी करने के बाद वह अपने एक साथी के साथ एनडीए की परीक्षा में शामिल हुआ। बीते दिनों आए परिणाम में दोस्त का तो एनडीए में चयन हो गया लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। असफलता से गर्वित तनाव में में आ गया।
पुलिस का कहना है कि रात को गर्वित बाथरूम जाने की बात कह कर पिता के बेडरूम के अलमारी में रखे उनकी लाइसेंसी रिवाल्वर लेकर अपने कमरे में आ गया जब सब लोग गहरी नींद में सोए थे तभी उसने अपने आप को गोली मार ली।
सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में पढ़ने वाले उसके छोटे भाई का रो-रोकर बुरा हाल है।
पुलिस का कहना है कि जिस समय उसने अपने आप को गोली मारी तब बिजली कड़क रही थी। बिजली कड़कने के शोर की वजह से गोली चलने की आवाज नहीं आई।
गर्वित के माता-पिता 20 साल पहले अपने एक बेटे को खो चुके हैं। उन्होंने दूनाकोट के कालिका मंदिर में पूजा का आयोजन किया था। माता-पिता अपने बेटे के साथ मंदिर पहुंचे। इसी दौरान मंदिर के पास में डूबने से बेटे की मौत हो गई थी।
इसके बाद गर्वित और उसके छोटे भाई का जन्म हुआ। माता-पिता दोनों बेटों के साथ हंसी-खुशी जीवन बिताते हुए 20 साल पहले मिले दर्द को भुला चुके थे। फिर से दूसरा बेटा भी उन्हें वही दर्द दे गया है।
गर्वित ने अंग्रेजी में चार पेज का सुसाइड नोट छोड़ा। उसने यह भी लिखा कि मैंने अपने परिवार को हमेशा निराश किया। मैंने हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन मेरी असफलताएं मेरी उपलब्धियों, मेरी खुशियों और उम्मीदों को मात देती हैं। मैं हौसला हार गया हूं।