देश में एक बार फिर कोरोना वायरस का साया मंडराने लगा है। बीते कुछ हफ्तों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है और अब आठ जून को भारत में एक्टिव केसों की संख्या छह हजार से ऊपर पहुंच चुकी है। इस बार भी वही राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित दिख रहे हैं जो पहले की लहरों में भी सबसे आगे रहे थे। केरल दिल्ली और महाराष्ट्र फिर से सबसे ज्यादा मामले दर्ज कर रहे हैं।
खास बात ये है कि इस बार भी कोरोना के लक्षण ज़्यादातर हल्के बताए जा रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साफ कह दिया गया है कि कोई भी लक्षण नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। अगर किसी को बुखार जुखाम सांस लेने में दिक्कत या शरीर में दर्द जैसी समस्या हो तो तुरंत जांच करवाएं और सावधानी बरतें। सरकार ने साफ कहा है कि बेफिक्र होकर घूमने फिरने का ये वक्त नहीं है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आठ जून की सुबह तक देश में कुल एक्टिव केसों की संख्या छह हजार एक सौ तैंतीस हो चुकी है। जबकि अब तक छह हजार दो सौ सैंतीस लोग ठीक हो चुके हैं। यानी मरीजों के ठीक होने की रफ्तार अच्छी है लेकिन चिंता इस बात की है कि रोज नए केस सामने आ रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा एक्टिव केस केरल में हैं जहां एक हजार आठ सौ छह मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके बाद गुजरात में सात सौ सत्रह दिल्ली में छह सौ पैंसठ महाराष्ट्र में पांच सौ सत्तासी और कर्नाटक में चार सौ चवालीस एक्टिव केस हैं।
दिल्ली और महाराष्ट्र में मौतों की संख्या भी बढ़ी है। दिल्ली में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है जबकि महाराष्ट्र में अठारह लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावा केरल में बारह कर्नाटक में सात और तमिलनाडु में पांच लोगों की मौत का आंकड़ा सामने आया है। दिल्ली में बीते चौबीस घंटे में तिहत्तर नए केस सामने आए हैं जबकि गुजरात में एक सौ दो केस मिले हैं। कर्नाटक और बिहार में भी सात सात नए केस दर्ज किए गए हैं।
कुछ राज्यों में हालांकि राहत की खबर भी है। अरुणाचल प्रदेश मिजोरम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में इस वक्त कोरोना का एक भी एक्टिव केस नहीं है। ये संकेत देता है कि अगर सही तरीके से सतर्कता बरती जाए तो कोरोना पर काबू पाया जा सकता है।
कोरोना से मरने वालों में ज़्यादातर पहले से बीमार थे। कर्नाटक में जिन दो लोगों की मौत हुई उनमें एक की उम्र छियालीस साल थी और उसे दिल और फेफड़े की बीमारी थी। दूसरा मरीज अठहत्तर साल का था जिसे पहले से कई गंभीर बीमारियां थीं। केरल में तीन लोगों की जान गई जिनमें से एक को किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था और दूसरे को कैंसर था। तमिलनाडु में एक बयालीस साल के व्यक्ति की मौत हुई जो शुगर और किडनी की बीमारी से जूझ रहा था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी नागरिकों से अपील की है कि लक्षणों को हल्के में न लें। जरूरत पड़ने पर तुरंत जांच करवाएं और इलाज शुरू करवाएं। सरकार ने ये भी साफ किया है कि कोविड के खिलाफ वैक्सीनेशन अभी भी जरूरी है। खासतौर पर बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को समय पर टीके लगवाने की सलाह दी गई है।
लोगों से कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क जरूर पहनें। भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें और नियमित रूप से हाथ धोते रहें। सरकार की कोशिश है कि हालात पहले जैसे न बनें और सब कुछ काबू में रहे। इसके लिए जनता की सतर्कता और सहयोग बेहद जरूरी है।