अल्मोड़ा जेल में एसटीएफ के छापेमारी प्रकरण के बाद निरुद्ध आरोपित की जमानत याचिका खारिज

Newsdesk Uttranews
4 Min Read

After the raid case of STF, the bail application of the arrested accused rejected

Screenshot-5

अल्मोड़ा, 08 नवंबर 2021- अल्मोड़ा जेल में बहुचर्चित एसटीएफ की छापेमारी प्रकरण के बाद जेल से गैरकानूनी गतिविधियों के संचालन प्रकरण में संलिप्तता के आरोपित की जमानत सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दी है।

holy-ange-school

ezgif-1-436a9efdef


अभियुक्त की ओर से सत्र न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी।


बहस के दौरान अभियोजन द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया और विवेचना अधिकारी की लिखित आपत्ति 8ख / 1 लगायत 8ख / 3 प्रस्तुत की गई है, जिसमें कथन किये गये हैं कि 4 अक्टूबर 2021 को जिला कारागार अल्मोड़ा में निरुद्ध बन्दी कलीम अहमद द्वारा जेल परिसर में रहकर मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर फोन के माध्यम से उत्तराखण्ड में व्यापारियों को डरा धमकाकर अवैध धन वूसीली किये जाने की गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर एसटीएफ की गठित टीम द्वारा जिला कारागार अल्मोड़ा के बैरिक नं0-7 की तलाशी ली गयी।

जिसमें बन्दी कलीम अहमद के कब्जे से 3 मोबाइल फोन मय 04 अदद सिम व अन्य मोबाइल ऐसेसिरीज बरामद हुई। इसी क्रम में गढ़वाल परिक्षेत्र में गठित टीम के द्वारा अभियुक्तगण सद्दाम, नदीम, अक्षय व साहेब कुमार को 03 अदद तमंचे मय 6 जिन्दा कारतूस 04 मोबाइल फोन एक मोटरसाईकिल व 15 हजार रूपये नकदी के साथ धारा-115 / 120बी भा००सं० व धारा 25 आर्म्स एक्ट के अन्तर्गत 04.10.2021 को ही गिरफ्तार किया गया।

जिस सम्बन्ध में थाना बहादराबाद जिला हरिद्वार में अभियोग पंजीकृत किया गया है। अभियुक्तगण सद्दाम, नदीम, अक्षय व साहेब कुमार से बरामदा फोन के लॉग कॉल तथा उनके व्हाट्सअप में भेजी गयी वीडियो के स्क्रीन शॉट मोबाइल से भेजे जाने की पुष्टि हुई है।


उपरोक्त दोनों नम्बरों का प्रयोग जिला कारागार अल्मोड़ा में रहते हुए अभियुक्त कलीम अहमद के द्वारा किया जाना पाया गया। अभियुक्त कलीम अहमद तथा महिपाल के धारा-161 दं०प्र०सं० के बयान अंकित किये गये तथा अभियुक्त अतुल वर्मा के बैंक आफ बड़ौदा के खाते में मुख्य अभियुक्त कलीम अहमद द्वारा रुपया मगाया जाता था जिसकी पुष्टिअभियुक्त अतुल वर्मा के खाता डिटेल से हुई है।

अभियुक्त अतुल वर्मा के द्वारा मुख्य अभियुक्त कलीम अहमद का सहयोग करते हुये उसका धन अवैध श्रोतों से अर्जित कर अपने खातों में मॅगाकर उपलब्ध कराया गया। यदि अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया गया तो उसके द्वारा जमानत का दुरूपयोग करने और उसके फरार होनेकी प्रबल सम्भावना है और वह अन्य गवाहों को भी प्रभावित कर सकता है।

अभियोजन की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) पूरन सिंह कैड़ा ने पैरवी के करते हुए कहा कि वर्तमान अभियुक्त द्वारा भी अभियुक्त कलीम अहमद का सहयोग करते हुये उक्त अवैध श्रोतों से अर्जित धन को अपने खाते में मॅगाकर उक्त कलीम अहमद को उपलब्ध कराया जाना प्रथम दृष्टया दर्शित होता है। और अभियुक्त इस स्तर पर जमानत प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है और उसका जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने योग्य है।


इसके बाद सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान ने अभियुक्त अतुल वर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी।

Joinsub_watsapp