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इसीलिए तो कहते हैं उत्तराखंड में कांग्रेस को हराने के लिए कांग्रेसी ही काफी हैं— चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड कांग्रेस में बबाल

Newsdesk Uttranews
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डेस्क—: उत्तराखंड में भले ही राहुल गांधी संगठन की मजबूती के लिए देहरादून आए थे लेकिन कांग्रेसियों ने अपनी फितरत के अनुसार यहां भी विवाद तैयार कर दिया। उत्तराखंड की एक कहावत है यहां कांग्रेस को हराने के लिए विपक्ष की जरूरत ही नहीं बल्कि कांग्रेसी ही काफी है। इसकी बानगी एक बार फिर राज्य की राजनीति में नजर आ रही है। इस बार मुद्दा बना है पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की उपेक्षा का। कहा जा रहा है कि राहुल की रैली में उन्हें मंच पर भी सही सम्मान नहीं दिया गया। उन्हें संबोधन का मौका नहीं दिया गया। राहुल की लिस्ट में जिन नेताओं के नाम थे उसमें किशोर का नाम शामिल नहीं था। इसके बाद सूबे की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। किशोर ने अपनी फीड़ा सोशल मीडिया पर कही तो उनके समर्थकों में गुस्से की लहर दौड़ गई पता चला है कि प्रदेश के कई ज़िलों के कार्यकर्ताओं व कांग्रेस पदाधिकारियों ने प्रदेश प्रभारी को फ़ोन कर नाराजगी जतायी व इस्तीफे की पेशकश की है।
सूत्रों के मुताबिक कई कार्यकर्ताओं ने प्रदेश प्रभारी को फोन करके नाराजगी जताई और इस्तीफे की पेशकश की,उनके समर्थक कहने लगे हैं कि एक षड़यंत्र के तहत वरिष्ठ नेता को दरकिनार करके टिहरी लोक सभा मै भी परिवार वाद को पोषित करने की इस योजना में पूरे प्रदेश के पदाधिकारीयों मै आक्रोश व्याप्त है, अगर यह आक्रोश थामा नहीं गया तो हजारों की संख्या में पदाआधिकारी व कार्यकर्ता अपने इस्तीफे दे सकते हैं। टिकट वितरण से ठीक पहले कांग्रेस का यह विवाद पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। इधर किशोर ने अपने फेसबुक अकाउंट में कहा कि उन्हें अपने अपमान का कोई मलाल नहीं है यदि इससे कांग्रेस मजबूत होती है तो यह भी सही । लेकिन उनके समर्थक खासे नाराज दिखाई दे रहे हैं।