पिथौरागढ़ सहयोगी। आशा कार्यकत्रियों की मांगों को जायज बताते हुुए छात्रा-छात्राओं ने मंगलवार को उनके आंदोलन के समर्थन में कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर आशाओं की मांगों पर अब तक शासन स्तर से कोई सकारात्मक पहल न होने पर चिंता जताई।
छात्रों का कहना है कि कोरोनाकाल में स्वास्थ्य सेवाओं की सार्वभौमिक उपलब्धता के महत्व को समझते हुए और इस पूरे काल में विषम भोगौलिक क्षेत्रफल वाले इस राज्य में आशा कार्यकत्रियों द्वारा निभाई भूमिका महत्वपूर्ण है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि आशाओं की मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए।
वहीं हाल के वर्षों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यों के अतिरिक्त भी आशाओं पर कई जिम्मेदारियां डाली गयी हैं जिनके सापेक्ष इनका वेतनमान बेहद कम है। जबकि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की गांव-गांव तक पहुंच बनाने में इनकी भूमिका बेहद सकारात्मक रही है। इसके बावजूद इस पूरे कोरोनाकाल में इन कार्यकत्रियों को किसी भी तरह की सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया है और न ही वह सम्मान जिसकी ये हकदार हैं।
युवाओं ने आशाओं की मांगों पर गंभीरता से विचार कर सकारात्मक कार्यवाही की मांग की है। प्रदर्शन में पिथौरागढ़ महाविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष राकेश जोशी और महेंद्र सिंह रावत समेत अनेक युवा शामिल थे।