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उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून लागू हो,युवाओं की टीम ने शुरू किया अभियान

Newsdesk Uttranews
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 माईथान/चमोली, 16 अगस्त — उत्तराखंड में सशक्त भू—कानून बनाए जाने की मांग को लेकर जिले के युवाओं एक अभियान चलाया है। उत्तराखंड यूथ नेटवर्क के बैनर तले युवा अपने गांवों और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से समर्थन मांग रहे हैं और सरकार को लगातार ज्ञापन भेज रहे हैं।
12 अगस्त से शुरू हुई इस मुहिम में कई युवाओं ने सशक्त भागीदारी की है। 

भू—कानून
युवाओं का कहना है कि राज्य बनने के समय उत्तराखंड के पास लगभग 64.8 प्रतिशत वन भूमि थी और करीब 12 से 13 प्रतिशत कृषि भूमि थी लेकिन अब कृषि भूमि का रकबा लगातार कम हो रहा है। वर्तमान में कमजोर भू कानून का फायदा जमीन की खरीद फरोख्त करने वाले उठा रहे हैं और कृषि भूमि की यह खरीद फरोख्त अब बेलगाम हो गई है।

सांख्यकीय आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2008-09 तक 13 प्रतिशत क्षेत्र में कृषि होती थी। तब राज्य में 7.7 लाख हेक्टेयर पर कृषि होती थी। अब यह घटकर वर्ष 2020 में 6.48 लाख हेक्टेयर तक सिमट गई। यानी अब तक राज्य में 1.22 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि लोगों के हाथ से निकल गई है। कहीं कहीं पर तो ग्रामीण क्षेत्रों में इस तेजी से जमीन की खरीद फरोख्त हो रही है कि लोग भूमिहीन होने की स्थिति में है। 

युवाओं ने कहा कि वर्ष 2018 में जिन अघ्यादेशों को कानूनी स्वरूप देकर भू कानून में लागू किया गया उसके बाद बाहरी व्यक्तियों द्वारा भूमि की बेरोकटोक खरीद बढ़ गई है। यह स्थिति जारी रहीं तो कभी यहां का किसान जो वास्तव में काफी छोटी जोतों का मालिक है भूमिहीन हो जाएगा। ज्ञापन में उत्तराखंड में भू—कानून को लेकर वर्ष 2018 में लागू किए गए अध्यादेश को जनहित में तत्काल रद्द करने, बाहरी और अकृषकों की ओर से राज्य की कृषि भूमि की खरीद फरोख्त में अंकुश लगाने,विकास के माॅडल यहां के पर्यावरण के अनुकूल बनाने और उत्तराखंड में अबिलंब भूमि बंदोबस्त किए जाने की मांग की। 

ज्ञापन में जिला पंचायत सदस्य अवतार सिंह पुंडीर, युवा कार्यकर्ता बबीता मेहरा, ग्राम प्रधान झूमाखेत गुड्डी देवी,ग्राम प्रधान कालीमाटी अनीता देवी,ग्राम प्रधान सारिंगांव, बीडीसी सदस्य रजनी देवी,चन्द्र सिंह नेगी,लीला देवी, बीना बिष्ट,धन सिंह नेगी सहित विभिनन गांवों के कई जनप्रतिनिधियों ने अपने हस्ताक्षर किए हैं। युवाओं की टीम सदस्य बबीता मेहरा ने बताया कि युवाओं ने टैटुड़ा, झूमाखेत, कालीमाटी, कुशरानी और जलचौरा आदि गांवों में जाकर जनप्रतिनिधियों को अपनी मांग संबधित ज्ञापन देकर समर्थन मांगा है। 

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