गंगोलीहाट। social distancing को लेकर बुद्धिजीवियों के शहर अल्मोड़ा ने जहां निराश किया वही गंगोलीहाट के पोखरी गांव की एक तस्वीर ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खिया बटोरी। पोखरी के लोगों ने 1 मीटर की दूरी पर खड़े रहकर पंक्तिबद्ध होकर राशन की लाईन लगाई। यही तरीका कोरोना वायरस (corona virus) को फैलने से रोकने में कारगर साबित हो सकता है।
पूरे विश्व में खतरे का सबब बने हुए कोरोना वायरस (corona virus) को फैलने से रोकने के लिये लॉक डाउन की घोषणा प्रधानमंत्री ने बीते रात की थी। 24 मार्च की शाम 8 बजे जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए covid-19 महामारी से लड़ रहे देशवासियों के संयम और संकल्प के लिए आभार जताते हुए ये घोषणा की,कि अगले 21 दिनों का सम्पूर्ण lockdown रहेगा। वैसे ही हमारे पढ़े लिखे लोगों के चमकदार शहरों में लोगो में घरों से बाहर निकलकर सामान खरीदने की होड़ मच गयी। साफ़ तौर पर प्रधानमंत्री,राज्य सरकार,स्थाानीय प्रशासन द्वारा आदेश दिए गए हैं कि राशन और जरूरी सामग्री की आपूर्ति सुबह 7 से 10 बजे तक अनवरत जारी रहेगी । बावजूद इसके लोगों में शंका के स्वर सुनाई दिए।
बुधवार 25 मार्च की सुबह जैसे ही छूट की निर्धारित अवधि शुरू हुई दुकानों,सड़कों में उमड़ी भीड़ ने social distancing की सारे जागरूकता को नकार दिया। लगभग सारी जगहों में ऐसी ही भीड़ देखी गयी।अल्मोड़ा में भी लोगों की भीड़ देखी गई।
ऐसे समय में भी जागरूक बने रहने कि मिसाल पेश की पिथौरागढ़ जनपद में गंगोलीहाट तहसील के पोखरी गाँव के जोशी जनरल स्टोर के बाहर खड़े लोगों ने। इस न्याय पंचायत के 10 गाँवो की खाद्य आपूर्ति इसी बाजार से होती है। दुकान स्वामी हरीश चंद्र जोशी और चौपाता पट्टी के पटवारी विजय पन्त के निर्देश पर दुकान के बाहर 1 मीटर की दूरी पर गोल घेरे खींचे गए जिसमें खड़े होकर लोग पंक्तिबद्ध हुए। गॉव की इस समझ को शहर को सीखना चाहिए।
कोरोना (corona)आपदा के वक़्त ये भूलना ही नहीं चाहिए कि इस लाइलाज बीमारी के लिए हमारे पास कोई व्यवस्था नहीं है।। एक दूसरे से दूरी बनाकर ही कोरोना श्रृंखला को तोड़ने के प्रयास किये जा सकते हैं। पोखरी गांव के स्थानीय शिक्षक कंचन जोशी बताते हैं कि ऐसे समय में भूख का संवाल हर व्यक्ति के मन में सबसे पहले आता है सरकार ने खाद्य आपुर्ति के आदेश दिए हैं लेकिन गांव गांव में यह मुनादी करवानी चाइये कि खाद्य आपुर्ति किसी भी हाल में बंद नहीं की जाएगी। उनका कहना है कि कि गांव बैंक से बहुत दूर स्थित हैं और लोग डिजिटल तरीके से लेन देन में सक्षम नही हैं ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रा की व्यवस्था होनी चाहिये।