रुद्रप्रयाग जिले में लगातार हो रही तेज बारिश ने चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ा दी है। बीते दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ भूस्खलन प्रभावित जोन एक बार फिर सक्रिय हो गया है। यहां पहाड़ी से लगातार मलबा और भारी बोल्डर गिरने के चलते हाईवे बाधित हो रहा है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि यात्रियों को पांच से छह किलोमीटर की दूरी तय करने में घंटों लग रहे हैं। जिससे श्रद्धालुओं में नाराजगी और आक्रोश देखा जा रहा है।
बारिश के इस कहर ने सिर्फ तीर्थयात्रियों को ही नहीं, बल्कि रुद्रप्रयाग और चमोली जिले की आम जनता को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। आमतौर पर मानसून के दौरान भूस्खलन की समस्या देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार मानसून से पहले ही सिरोबगड़ जैसे संवेदनशील स्थानों पर खतरा मंडराने लगा है। शनिवार रात से शुरू हुई भारी बारिश के चलते रविवार सुबह सिरोबगड़ में हाईवे पर मलबा आ गया, जिससे राजमार्ग कुछ समय के लिए पूरी तरह बंद हो गया। मलबा हटाने के बाद मार्ग खोला गया, लेकिन यहां सड़क बहुत संकरी है, जिस कारण वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं और लोग घंटों जाम में फंसे रह रहे हैं। एनएच विभाग ने स्थिति को देखते हुए यहां जेसीबी मशीन तैनात कर दी है ताकि मार्ग बंद होने की स्थिति में तुरंत सफाई कराई जा सके। लेकिन सड़क की चौड़ाई कम होने के कारण यह उपाय भी पूरी तरह कारगर साबित नहीं हो पा रहा है।
सिरोबगड़ की इस पुरानी समस्या का स्थायी समाधान पपड़ासू से खांखरा के बीच प्रस्तावित बाईपास में देखा गया था, जिसे ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत शुरू किया गया था। यह बाईपास करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से बनना था और इसका निर्माण कार्य सात साल पहले शुरू भी कर दिया गया था। लेकिन आज तक यह कार्य अधूरा ही पड़ा है। अब तक इस बाईपास पर केवल एक पुल का निर्माण पूरा हो सका है, जबकि दो पुलों का काम बीच में ही छोड़ दिया गया है।
ग्राम पपड़ासू के प्रधान विमल चौहान ने बताया कि करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन बाईपास का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। अगर यह मार्ग समय पर बन गया होता तो सिरोबगड़ की समस्या से निजात मिल जाती और श्रद्धालुओं समेत स्थानीय जनता को भी इस तरह की मुसीबतें नहीं झेलनी पड़तीं। हर बारिश में सिरोबगड़ जोन में भूस्खलन की वजह से जाम की स्थिति पैदा होती है। खासकर जब सड़क संकरी हो और आवाजाही अधिक, तो यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह पपड़ासू-खांखरा बाईपास के निर्माण को प्राथमिकता दे और इसे जल्द से जल्द पूरा कराए। वरना हर साल हजारों यात्रियों और स्थानीय लोगों को इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।