अमेजन इंडिया ने हाल ही में अपने सभी ऑर्डर पर 5 रुपये का नया मार्केटप्लेस शुल्क लागू कर दिया है, जिससे ग्राहकों खासकर प्राइम मेंबर्स के बीच जबरदस्त नाराजगी फैल गई है। कंपनी का दावा है कि यह शुल्क उनके सेलर प्लेटफॉर्म को बनाए रखने और बेहतर ग्राहक अनुभव देने के मकसद से लिया जा रहा है। हालांकि, यूजर्स इसे एक “छिपा हुआ चार्ज” करार दे रहे हैं और सोशल मीडिया पर खुले तौर पर अपनी नाखुशी जाहिर कर रहे हैं। अमेजन का यह फैसला फ्लिपकार्ट और ज़ेप्टो जैसे प्लेटफॉर्म्स की राह पर है, जो पहले ही इसी तरह की फीस वसूल रहे हैं। अप्रैल 2025 से अमेजन ने 300 रुपये से कम कीमत वाले प्रोडक्ट्स पर रेफरल फीस कम कर दी थी, लेकिन अब उसने हर ऑर्डर पर 5 रुपये का फ्लैट शुल्क जोड़ दिया है। यह शुल्क प्राइम मेंबर्स पर भी लागू किया गया है, जिन्हें पहले फ्री डिलीवरी का वादा किया गया था। सिर्फ डिजिटल सर्विसेज और गिफ्ट कार्ड्स जैसी गिनी-चुनी कैटेगरीज को इससे छूट मिली है।
इस फीस को लेकर अमेजन ने एक रिफंड पॉलिसी भी जारी की है, जिसके मुताबिक अगर कोई ऑर्डर शिपमेंट से पहले पूरी तरह रद्द हो जाता है, तो 5 रुपये की पूरी राशि वापस कर दी जाएगी। लेकिन अगर ऑर्डर का कोई एक हिस्सा कैंसल किया गया है, तो फीस का रिफंड भी आंशिक होगा। जैसे कि अगर 500 रुपये के ऑर्डर में 100 रुपये का आइटम कैंसल होता है, तो ग्राहक को सिर्फ 1 रुपये रिफंड मिलेगा। सोशल मीडिया पर प्राइम मेंबर्स ने खासा गुस्सा जताया है। एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, “क्या अब हमें जेफ बेजोस की शादी के लिए फंड देना होगा?” वहीं दूसरे ने सवाल उठाया कि प्राइम मेंबरशिप का फायदा क्या, जब हर ऑर्डर पर अतिरिक्त चार्ज देना पड़े। पांच रुपये भले ही कम लगें, लेकिन जो ग्राहक बार-बार खरीदारी करते हैं, उनके लिए यह खर्च महीने में सौ रुपये या उससे ज्यादा का बन जाता है। इस बदलाव को प्राइम मेंबर्स एक तरह का धोखा मान रहे हैं, जो अमेजन की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर रहा है।