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शान्तिपुरी में विशाल भंडारे के साथ दुतिया मेला का समापन

उत्तरा न्यूज टीम
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  • भूमिया, कालूसेम, सब्जू देवता से सुख शाति की करते है कामना
  • आयोजक शेर राम नेता जताया सबका आभार
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शान्तिपुरी। क्षेत्र के ग्राम शान्तिपुरी न02 ढाकानी स्थित कालू सैम मन्दिर में दलित और गैर दलित समाज के आस्था का प्रतीक दुतिया मेला का विशाल भंडारे के साथ समापन हुआ। सौकडों भक्तों दो दिवसीय मेले में देवी देवताओं की विधिवत् पूजा अर्चना कर ने प्रसादरूपी भंडार ग्रहण कर सुख शान्ति की कामना की।
क्षेत्र में  दो दिवसीय दुतिया मेला का समापन धुमधाम व विशाल भंडारे के साथ हुआ। दलित व गैर दजिल समाज के भाईचारे के प्रतीक दुतिया मेले में दलित व गैर दलित दोनों ही समुदायों के लोग बढ़चढ़ कर भाग लेकर भूमिया देवता व कालूसेम देवता व सब्जू देवता की पूजा अर्चना कर सुख शांति की कामना करते है। दुतिया मेले से पूर्व ही मंदिरां की बेहनरीन लाईटिंग कर मन मोहक ढंग से सजाया गया। विगत दो दिनों से आयोजित इस मेले के दौरान क्षेत्र के सभी लोगों ने बड़ी मात्रा में शिरकत कर भूमिया देवता व कालूसेम व सब्जू देवता के दर्शन किये। इस दौरान गा्रमीणों द्वारा मेले के दौरान पारम्परिक झोड़ा, चॉजरी व भग्नौल गायन के साथ मेले का खूब लुप्त उठाया। दुतिया मेले में देवी देवताओं की तीन पहर आरती की गई तथा रात्रि के तीनों पहरों परम्परानुसार देवताओं का अवतरण कर भूमिया देवता व कालूसेम, सब्जू देवताके भक्तों ने देव दर्शन कर अपने सुखी जीवन की कामना की। अन्त में हवन यज्ञय एवं विशाल भण्डारे के साथ मेले का समापन में गाव के सभी महिलायें, पुरुष व बच्चो ने शिरकत की। इस मौके पर लोगो ने झोडा चाचरी का भी आनन्द लिया।
आयोजक शेर राम नेता सभी ग्रामवासियों का मेले में सहभागिता करने पर आभार व्यक्त करते हुऐ कहा कि दुतिया मेले में सभी ग्रामीण बढचढकर हिस्सा लेते है और यह मेला सभी समुदाय के लिये भाईचारे की मिसाल कायम करता है। बताया कि इस मेले का आयोजन पौराणिक साल से क्षेत्रवासियों की सुख सुविधा के लिये किया जाता है।
इस मेले मे शेरराम नेता, मुख्य आचार्य भुबन चन्द्र द्विवेदी, उपप्रधान कुंदन दानू, शेर सिह कोरंगा, पदम सिह रौतेला, बिशन सिह कोरंगा, बहादुर राम ,सुन्दर कोंरगा, इन्दर राम, तारा सिह कोरंगा, मुकेश कोरंगा, मोहन कोरंगा, महेश आर्या, सुषमा आर्या, प्रेम सिह कोरंगा, लाल सिह, प्रताप पांडा, मोतिमा देवी, भगवती देवी हेमा देवी, देवकी, प्रेमा देवी, देवी, रॉकी टाकुली, महेश कोरंगा, जय कोरंगा, भूपाल पांडा, अमर भाकुनी, राजा आदि उपस्थित थे।

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