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शोषण विहीन समाज निर्माण चाहते थे (shaheed bhagat singh) शहीद ए आजम भगत सिंह

Newsdesk Uttranews
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Shaheed bhagat singh

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अल्मोड़ा, 23 मार्च 2021- भगत सिंह (shaheed bhagat singh) की शहादत पर उत्तराखंड छात्र संगठन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भगत सिंह का योगदान एवं समकालीन भारत में उनके विचारों की प्रासंगिकता पर संगोष्ठी आयोजित की।

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संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह (shaheed bhagat singh), राजगुरु और सुखदेव जैसे बलिदानियों के आदर्शों व सपनों को साकार करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा और देश में जनता पर लगातार थोपे जा रहे जनविरोधी काले कानूनों के ख़िलाफ़ संघर्ष करना होगा।

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उपपा के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित संगोष्ठी में अपनी बात रखते हुए उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी भगत सिंह (shaheed bhagat singh) एक शोषण विहीन समता मूलक समाज के निर्माण के लक्ष्य के साथ फांसी पर चढ़े थे

उन्होंने स्पष्ट कहा था कि गोरे अंग्रेज़ों के जाने के बाद भी यदि नीतियां नहीं बदली तो काले अंग्रेज़ों से भी लड़ाई ज़ारी रहेगी। तिवारी ने कहा कि देश की आज की हालत बताती है कि 90 साल बाद आज भगत सिंह के विचार आज और ज़्यादा प्रासंगिक हो गए हैं।

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संगोष्ठी की अध्यक्षता उलोवा के अजय मित्र, कुणाल, आकर्षण बोरा, एड. रंजना सिंह के अध्यक्ष मंडल एवं संचालन उत्तराखंड छात्र संगठन की भारती पांडे ने किया। इस मौक़े पर अपने विचार रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि 23 वर्ष के युवा भगत सिंह (shaheed bhagat singh) एक कुशल संगठनकर्ता, विचारक थे व देश दुनिया में हो रहे बदलावों का गहराई से अध्ययन कर रहे थे तमाम पत्र पत्रिकाओं में लिख रहे थे।

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वक्ताओं ने कहा कि आज भगत सिंह और क्रांतिकारियों के विचारों को गहराई से समझने और उन्हें आज की परिस्थितियों में लागू करने की ज़रूरत है। वक्ताओं ने इस बात को रेखांकित किया कि आज़ादी के बाद हमारे देश में गरीबों और अमीरों के बीच दूरी बढ़ी है। बेरोज़गारी, महंगाई, भ्रष्टाचार व सरकारों द्वारा आए दिन लाए जा रहे जनविरोधी काले कानूनों से लोग त्रस्त हैं जिसके खिलाफ़ संघर्ष की ज़रूरत है। संगोष्ठी में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई।

इस मौक़े पर अजय मित्र ने कहा कि भगत सिंह (shaheed bhagat singh) को पढ़ने और समझने की ज़रूरत है। कुणाल तिवारी ने अपनी कविताओं का पाठ किया। संगोष्ठी में गोपाल राम, शोबन, किरन आर्या, लीला आर्या, सरिता मेहरा, हीरा देवी, आनंदी वर्मा, नरेंद्र सिंह चुफाल, अंजू टम्टा, एड. मनोज पंत, प्रकाश चन्द्र, योगेश बिष्ट, नीता टम्टा समेत अनेक लोग शामिल रहे।

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