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सस्ता गल्ला विक्रेताओं के आरोप- सार्वजनिक वितरण प्रणाली खत्म कर रही सरकार

उत्तरा न्यूज डेस्क
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सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने जताई नाराजगी

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अल्मोड़ा, 9 अगस्त 2020 -लमगड़ा विकासखंड के 2 दर्जन से अधिक सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने अपनी दुकानों से त्यागपत्र जिला संगठन को भेजते हुए सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है.

शहरफाटक में संपन्न हुई बैठक में लमगड़ा, शहरफाटक, जैंती आदि क्षेत्रों से दर्जन भर सस्ता गल्ला विक्रेता यहां एकत्र हुए और सरकार पर घोर उपेक्षा का आरोप लगाया.

सस्ता गल्ला विक्रेताओं


सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि एक ओर सरकार प्रदेश में शराब की दुकानों के लिए रेड कार्पेट बिछाती है वहीं राशन जैसी आवश्यक वस्तु वितरित करने वाली दुकानों की उपेक्षा की गई है.
आरोप लगाया कि पांच साल से उनका केंद्रीय खाद्य योजना के वितरण के बिलों का भुगतान नहीं किया गया है, कोरोना काल में उनके द्वारा बीते 3 माह से जो अनाज बांटा गया उसके बिलों का भुगतान भी लंबित है. वे कब तक अपने घर का पैसा लगाकर इन दुकानों का संचालन करेंगे. वहीं उनसे आनलाईन वितरण करने को कहा जा रहा है जबकि सुविधाएं कुछ नहीं है.


सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने उन्हें प्रतिमाह 1 हजार रुपये की धनराशि इंटरनेट चार्ज भी देने की मांग दोहराई. सभी ने एक स्वर में उनका लंबित भुगतान न मिलने तक राशन न उठाने और न ही वितरित करने का ऐलान किया और कहा कि जिला संगठन को वे अपना त्यागपत्र भेज रहे है. जो इसे शासन को भेजेगा.


इस बैठक में लमकोट, शहरफाटक, ठाट, जलना, गौलीमहर, कपकोट, तुलेड़ी, खांकर, जैंती, बघाड़ , सत्यों, कल्टानी, धारखोला सहित अनेक गांवों से मनोज मेलकानी, चंदन सिंह फर्त्याल, इंदर सिंह डसीला, किशन सिंह बिष्ट, पान सिंह मेहरा, चंद्र बल्लभ, मुकेश पाण्डे, गोविंद फर्त्याल, पूरन मेहरा, प्रकाश सिंह , गणेश बिष्ट, कुंदन सिंह , पूरन सिंह, गंगा सिंह, भूपाल सिंह, पूरन सिंह धोनी, सुरेश खोलिया आदि मौजूद थे.

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