अल्मोड़ा। मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे में दो दिन तक अनशन करने के बाद न्याय यात्रा शनिवार को अल्मोड़ा पहुंची। न्याय यात्रा के संयोजक जेपी बडोनी ने कहा कि राज्य के हालात 18 साल बाद भी नहीं सुधरे हैं राज्य विरोधी लोग राज्य आंदोलनकारी का तगमा लगाए घूम रहे हैं। आंदोलनकारियों पर दुर्व्यवहार के जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई तक नहीं हुई है। आज भी सरकार सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ पहल तक नहीं कर पाई है। यहीं नहीं सरकार के पास इससे संबंधित पत्रावलियां ही नहीं है। । उन्होंने कहा कि इस यात्रा के बहाने विभिन्न जिलों में भ्रमण किया जा रहा है और राज्यपाल को ज्ञापन भेजा जा रहा है। 14 अक्टूबर को देहरादून पहुंचने पर राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यआंदोलनकारी का चिह्नीकरण में भी लापरवाही और अनदेखी हुई है। अकेले हरिद्वार में ही 442 लोगों को राज्यआंदोनकारियों की सूची से हटाया गा है। इससे अनुमान है कि प्रदेश में कई लोग फर्जी ढंग से सूची में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह सरकार से पूरे मामले में अपने स्तर सी सीबीसीआईडी जांच कराने और राज्यआंदोलनकारियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। यह यात्रा मुजफ्फरनगर से दो दिवसीय अनशन के साथ शुरू हुई जो कोटद्वार, खटीमा, रुद्रपुर, हल्द्ववानी, नैनीताल होते हुए अल्मोड़ा पहुंची है। उन्होंने मुजफ्फरनगर, खटीमा, मंसूरी, नैनीताल और श्रीयंत्रटापू श्रीनगर में शहादत देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी। इस यात्रा में स्वामी विनोद महाराज,चंद्रशेखर भट्ट,विक्कू फर्स्वाण, सीपी शर्मा के अलावा अल्मोड़ा में पीसी तिवारी, पूरन चंद्र तिवारी, दयाकृष्ण कांडपाल, रेखा धस्माना, आनंदी वर्मा सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।