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कमाल की कार्यपालिका! राजकीय व राष्ट्रीय शोक का मतलब पता नहीं, एक ही पत्र में लिख दिए दोनों शब्द

उत्तरा न्यूज डेस्क
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डेस्क:- व्यवस्था को चलाने का दावा करने वाली सरकारी मशीनरी के पुर्जे कितने ढीले हैं यह सरकारी आदेश में साफ हो गया, उत्तराखंड की इस मशीनरी को राजकीय व राष्ट्रीय शब्द में कोई विभेद ही नहीं है तभी तो राजकीय शोक व राष्ट्रीय शोक को एक ही पत्र में एक ही भावार्थ में स्थान दे दिया गया, जिससे लोगों में असमंजस की सी स्थिति पैदा हो गई|
उत्तराखंड में मंगलवार को जगतगुरु शंकराचार्य सत्यमित्रा नंद गिरी ब्रह्मलीन हो गए थे| सरकार ने उनके निधन पर बुधवार को ऱाजकीय शोक की घोषणा की आदेश में ही कई स्थानों पर राजकीय व राष्ट्रीय शोक को रनिन मैटर में एक साथ लिख दिया गया जिससे लोग समझ ही नहीं पाए कि आदेश क्या है| हांलाकि आदेश में कहा गया है कि बुधवार को शोक रहेगा और कोई मनोरंजनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा| यह भी चर्चा रही प्रदेश सरकार भी राष्ट्रीय शोक घोषित कर सकती है| हालाकि इस शोक में प्रदेश में राष्ट्रीय ध्वज भी आधा झुका रहेगा|

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