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Ramnagar- मंत्री द्वारा अपराधी बताने पर भड़के डॉक्टर , काले फीतों के साथ किया प्रदर्शन

Newsdesk Uttranews
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सलीम मलिक

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रामनगर। मंगलवार को कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत के रामनगर (Ramnagar) अस्पताल निरीक्षण के दौरान प्रबंधन को अपराधी बताये जाने पर भड़के पीपीपी मोड अस्पताल के पूरे स्टाफ ने बुधवार को काले फीते बांधकर प्रदर्शन करते हुए मंत्री के प्रति रोष व्यक्त किया।

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प्रबंधक डॉ. मोहित गोयल ने चिकित्सालय के मुख्य चिकित्साधिकारी मणिभूषण पंत पर जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों को अस्पताल के प्रति गुमराह करने का आरोप भी लगाया। दूसरी ओर सीएमएस पंत ने आरोपो को नकारते हुए जल्द ही ब्लड बैंक शुरू करने की बात कही है।

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मंगलवार को प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान प्रबंधन को सार्वजनिक तौर पर अपराधी कहे जाने से उखड़े रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय के प्रबंधन सहित सारे स्टाफ ने काले रिबन बांधकर अस्पताल के सामने प्रदर्शन करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों का प्रबंधन के प्रति व्यवहार चिकित्सक की गरिमा को तार-तार करने वाला है।

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चिकित्सकों ने कहा कि कोविड काल में अस्पताल सभी डॉक्टर्स अपनी जान को जोखिम में डालकर पीड़ितों की सेवा में जुटे हैं। ऐसे में तथ्यों को न जानकर मंत्री ने डॉक्टर्स एकतरफा आरोप लगाते हुए उनके साथ न केवल अपराधियों जैसा सलूक किया बल्कि सार्वजनिक तौर उन्हें अपराधी की उपाधि देकर चिकित्सा जैसे सम्मानित पेशे का भी अपमान किया है। इससे न केवल सभी चिकित्सकों की भावनाएं आहत हुई हैं बल्कि मंत्री पद की गरिमा का भी हास हुआ है। यदि उनके सम्मान की रक्षा नहीं हुई तो इन परिस्थितियों में कोई भी डॉक्टर्स काम नही कर पायेगा।

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डॉ. मोहित गोयल ने कहा कि अस्पताल के सीएमएस मणिभूषण पंत पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह जनप्रतिनिधियों को गुमराह करने का कर रहे हैं। ब्लड बैंक का लाइसेंस सरकारी चिकित्सकों के नाम है। इसके अलावा ब्लड बैंक की बिल्डिंग भी लगातार सरकारी प्रयोजन के लिए उपयोग हो रही है। वर्तमान में भी बिल्डिंग में वैक्सिनेशन का काम चल रहा है। ऐसे में वह ब्लड बैंक कैसे चला सकते हैं। अस्पताल पर अव्यवस्था का आरोप लगाने वाले अव्यवस्था क्या है, यह तक नही बता पा रहे हैं।

डॉ. मोहित गोयल ने कहा कि केवल अस्पताल को बदनाम करने के लिए अव्यवस्थाओं का रोना रोया जा रहा है। अस्पताल जब सरकार के नियंत्रण में था तो यहां केवल तीन डॉक्टर्स थे जबकि आज 26 डॉक्टर्स अपनी सेवाएं दे रहें हैं। जो रोगी अस्पताल से उपचार लेकर जा रहा है उससे अस्पताल की सेवाओं और डॉक्टर्स के व्यवहार के बारे में पूछा जा सकता है। किसी रोगी को कोई परेशानी नहीं है। लोग अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए अस्पताल को निशाना बना रहें हैं। इसके बाद भी यदि सरकार पीपीपी मोड का कॉन्ट्रेक्ट रदद करती है तो वह इसके लिए भी तैयार हैं।

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दूसरी ओर अस्पताल के सीएमएस मणिभूषण पन्त ने अपने ऊपर लगाये गये आरोपों को नकारते हुए कहा कि ब्लड बैंक का लाइसेंस अस्पताल के नाम पर होता है। इसके संचालन करने वालों के नाम स्टाफ का स्थानांतरण होने पर बदले जा सकते हैं। इसकी केवल उच्चाधिकारियों को सूचना देने की औपचारिकता पूरी करनी पड़ती है। ब्लड बैंक की इमारत कॉन्ट्रेक्ट के अनुसार हैंडओवर की जा चुकी है। जल्द ही उसी लाइसेंस पर ब्लड बैंक का संचालन शुरू कर दिया जायेगा। बाकी सारे आरोप निराधार हैं।

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इस मौके पर डॉ. संदीप सोनी, डॉ. निधि पाण्डे, डॉ. प्रवीण गुप्ता, डॉ. मोज़म, डॉ. वसीम, डॉ. तुषार शर्मा, डॉ. सरनीम, डॉ. शाहिस्ता, डॉ. विशु, डॉ. अनमोल, डॉ. वरुण सेठी, डॉ. अनीस मंसूरी, पूजा लटवाल, महिमा भागर्व के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद रहा।