एक साल से वित्त अनुभाग-6 में दबा है पदोन्नति का प्रस्ताव, वित्त सचिव से की जवाबदेही तय करने की मांग

UTTRA NEWS DESK
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Promotion of promotion is suppressed in Finance Section-6

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देहरादून, 14 अगस्त 2020 आडिट निदेशालय द्वारा 13 अगस्त 2019 को संयुक्त निदेशक के पद पर बिपिन बिहारी लाल की पदोन्नति हेतु शासन को भेजा गया प्रस्ताव एक साल बाद भी वित्त अनुभाग-6 में दबा पड़ा है.

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उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चन्द्र पाण्डे ने आज इसे वित्त सचिव अमित सिंह नेगी के संज्ञान में लाते हुए उनसे बेवजह रोकी गई पदोन्नति के इस मामले में जवाबदेही तय करने की मांग की. वित्त सचिव ने संघ को कार्यवाही का आश्वासन दिया है.

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बिपिन बिहारी लाल
बिपिन बिहारी लाल फाइल फोटो— उत्तरा न्यूज

गौरतलब है कि लेखा परीक्षा सेवा 1991 बैज के वरिष्ठ अधिकारी बिपिन बिहारी लाल ऑडिट विभाग में 22 साल से उप निदेशक के पद पर कार्यरत हैं.

हिल कैडर के अधिकारी रहे बिपिन का नाम 2005 में हुए कार्मिकों के अंतिम आवंटन की सूची में उत्तराखंड कैडर के लिए नहीं होने पर उनके द्वारा प्रत्यावेदन दिया गया था, लेकिन इस प्रत्यावेदन के विचारधीन रहते उन्हें सितंबर 2009 में बिना कुछ कहने का मौका दिए उत्तरप्रदेश के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया.

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हैरानी वाली बात यह रही कि उस समय बिपिन बिहारी लाल सहित 3 और कार्मिक उत्तर प्रदेश के लिए आवंटित थे, लेकिन 4 कार्मिको में से एक को ही रिलीव किया गया. बाद में भारत सरकार के स्तर से बिपिन बिहारी लाल का आवंटन उत्तराखंड के लिए हो जाने पर अगस्त 2012 में वह फिर से उत्तराखंड आ गए.

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बिपिन बिहारी लाल के उत्तर प्रदेश में कार्यरत अवधि के दौरान उत्तराखंड में उनसे जूनियर एक अधिकारी को संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति दे दी गयी. अगस्त 2012 में बिपिन बिहारी के दोबारा उत्तराखंड आ जाने के 4 साल बाद 2016 में संबंधित अधिकारी को संयुक्त निदेशक के पद से पदावनत(रिवर्ट) किया गया, लेकिन बिपिन बिहारी लाल को अभी तक पदोन्नत नहीं किया गया.

उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ के अध्यक्ष रमेश चन्द्र पाण्डे ने उत्तर प्रदेश के लिए आवंटित कार्मिकों को रिलीव करने के मामले मे सरकार पर पीक एंड चूज की दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि 2009 में बिपिन बिहारी लाल के साथ ही उत्तर प्रदेश कैडर के 3 अन्य कार्मिकों को रिलीव क्यों नहीं किया गया.

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अध्यक्ष पांडे ने कहा कि उत्तर प्रदेश कैडर के इन तीन कार्मिकों की वजह से ही पदोन्नति को लेकर सारा विवाद हुआ है. इस बीच मुख्य सचिव के स्तर से सभी विभागों में पदोन्नति के मामलों का तत्काल निस्तारण करने के आदेश दिए गए जिसके क्रम में सचिव वित्त अमित नेगी द्वारा भी पदोन्नति के लम्बित मामलों को एक सप्ताह के भीतर उनके सम्मुख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए लेकिन इसके बावजूद यह मामला अनुभाग में ही धूल फांकता रहा.

संघ के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने बेवजह रोकी गई पदोन्नति के मामलों में इसे एक उदाहरण बताते हुए आज वित्त सचिव से इस पर जवाबदेही तय करने की मांग की है.

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