असहाय से आत्मनिर्भर बनी पूनम आर्या, सिलाई उद्यम से बदल दी जिंदगी

Poonam Arya Becomes Self-Reliant Through Tailoring Business अल्मोड़ा। ग्राम पंचायत शील, विकासखण्ड भैंसियाछाना निवासी पूनम आर्या ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हार नहीं मानी। विवाह…

Poonam Arya transformed from helpless to self-reliant, changed her life with sewing business

Poonam Arya Becomes Self-Reliant Through Tailoring Business

अल्मोड़ा। ग्राम पंचायत शील, विकासखण्ड भैंसियाछाना निवासी पूनम आर्या ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हार नहीं मानी। विवाह के कुछ वर्षों बाद पति द्वारा त्यागे जाने के बाद पूनम अकेले अपनी तीन वर्षीय बेटी की परवरिश के लिए संघर्ष करने लगीं। मायके लौटकर खेती-बाड़ी में जुटीं और साथ ही बाड़ेछीना बाजार में सिलाई का काम सीखा।

धीरे-धीरे उन्होंने घर पर सिलाई का काम शुरू किया, जिससे थोड़ी बहुत आमदनी होने लगी। साल 2023 में पूनम ‘लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह’ से जुड़ीं और हर महीने ₹100 की बचत करने लगीं। इसके बाद 2024-25 में ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) के तहत पूनम को एकल उद्यमी के रूप में चयनित किया गया।

सिलाई सेंटर से मिला सहारा
रीप परियोजना के तहत पूनम को ₹50,000 का बैंक ऋण और ₹30,000 की परियोजना सहायता मिली, जिससे उन्होंने बाड़ेछीना बाजार में सिलाई सेंटर की शुरुआत की। दुकान के लिए मशीनें, काउंटर और रैक खरीदे गए। आज यह सिलाई सेंटर पूनम के लिए न सिर्फ आय का स्रोत है, बल्कि उनकी बेटी की शिक्षा और भविष्य का आधार भी बन चुका है।

हर महीने 5-6 हजार की आमदनी
पूनम को इस उद्यम से प्रतिमाह ₹5,000 से ₹6,000 तक की आय हो रही है। वह न केवल अपने घर का खर्च चला रही हैं, बल्कि अपनी बेटी को गांव के स्कूल में पढ़ा भी रही हैं, जो इस समय कक्षा आठ में है।

सराहना और सम्मान
पूनम की मेहनत और आत्मनिर्भरता को देखते हुए 27 मार्च 2025 को धौलछीना रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी, अल्मोड़ा द्वारा उन्हें उत्कृष्ट पुरस्कार प्रदान किया गया।

सकारात्मक परिणाम:

पूनम ने सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद आत्मनिर्भरता हासिल की।

रीप परियोजना के सहयोग और व्यक्तिगत मेहनत से आर्थिक मजबूती मिली।
उन्होंने अपनी कमजोरी को ताकत में बदलते हुए समाज में मिसाल कायम की।मदद और प्रोत्साहन के लिए पूनम ने सीडीओ दिवेश शाशनी और रीप परियोजना को धन्यवाद दिया हैं।