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राजनीति ने बढ़ाया है राममंदिर को लेकर विवाद, राजनीति नहीं घुसती तो कबके हल हो जाता विवाद,मदर टेरेसा फाउंडेशन के कार्यक्रम में सामने आई यह बात

Newsdesk Uttranews
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वक्ताओं ने देश की उन्नति के लिए संप्रदायिकता की राजनीति से दूर रह कर कार्य करने का किया आह्वान

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अल्मोड़ा। राममंदिर निर्माण सहित कई ऐसे मुद्दे जिस पर आए दिन माहौल गर्म हो जाता है मदर टेरेसा फाउंडेशन ने एकजुटता और सदभावना की राह दिखाई है। वक्ताओं ने साफ किया कि राजनीति जब धर्म के घुसती है तो समाज को तोड़ने का काम करती है। आज जरूरत है आजादी के लिए जिस तरह सभी ने भारतीय बन कर कार्य किया था उसी तरह से आज वक्त की जरूरत बन गयी है।
यह कार्यक्रम होटल शिखर में आयोजित हुआ जहां वक्ताओं ने विभिन्न उदाहरणों से मानवता को सभी धर्मों से ऊपर रखकर देश हित में कार्य करने की जरूरत जताई। सदभावना फाउंडेशन के अध्यक्ष मरगूब सिद्दिकी ने कहा कि कुछ राजनैतिक पार्टियां धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही हैं।धर्म ​इंसानियत का पैगाम है। उन्होंने कहा कि एकजुट होकर ही आतंकवाद का मुकाबला किया जा सकता है। धर्म के नाम पर जनता को गुमराह करना दुर्भाग्यपूर्ण है। मदर टेरसा फाउंडेशन के संरक्षक मोहम्मद असरशद खान ने कहा कि देश की उन्नति के लिए एकजुट होकर मिलजुल कर काम करना फाउंडेशन का उद्देश्य है। राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के आए हालिया फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि मध्यस्थता से भी इस मुद्दे पर आमराय बने यही उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अयोध्या
में राम मंदिर को विवाद का रूप राजनीति ने दिया। राजनीति ने ही इस मुद्दे को उलझाया अन्यथा यह मुद्दा कबके हल हो जाता। उन्होंने कहा कि देश की जनवा अमन पसंद है कभी भी अयोध्या, म​थुरा और काशी को कोई सं​कट नहीं है। संकट है तो कैलाश मानसरोवर में चीन के कब्जे में भगवान शिव का धाम इसके लिए राजनैतिक इच्छा शक्ति की जरूरत है। देश के आंतरिक मुद्दे आपस में हल हो सकते हैं। इस मौके पर प्रदेश चेयरमैन मसरूर कुरैशी,केवल सती, आनंद बगडवाल,जीशान कुरैशी,महताब आलम,अथर इलाही,सुएब फहीम, सिकंदर जुनैद,वसीम, अख्तर हुसैन सहित अनेक लोग मौजूद थे।

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