भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को संघर्षविराम के बाद हालात जैसे ही थोड़े शांत हुए। वैसे ही सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ सख्त लहजा अपनाया। अपने संदेश में उन्होंने साफ कर दिया कि भारत अब चुप बैठने वाला देश नहीं रहा। ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सात मई की रात जब भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। तो पूरी दुनिया ने देखा कि भारत का सब्र अब ताकत में बदल चुका है। उन्होंने इस कार्रवाई को न्याय की शपथ बताया। कहा कि यह सिर्फ जवाब नहीं था बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम था।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने जिस तैयारी के साथ सीमा पर हमला करने की साजिश रची थी। उसे भारत ने उसी की धरती पर कुचल दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जब हमारे आम लोगों मंदिरों गुरुद्वारों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। तब भारत की मिसाइलें आतंकियों के ठिकानों पर जा गिरीं और सबकुछ तबाह कर दिया।
प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर छीना। तो हमने आतंक का अड्डा ही मिटा दिया। पाकिस्तान में भारत के हमले से न सिर्फ इमारतें गिरीं बल्कि उनका हौसला भी टूट गया। सेनाओं ने आतंक के उन ठिकानों पर निशाना लगाया जिनका अंदाजा भी किसी को नहीं था।
उन्होंने कहा कि जब भारत ने अपनी मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया। तब आतंकियों की हिम्मत जवाब दे गई। यह युग न युद्ध का है न आतंकवाद का। लेकिन भारत पर हमला करने वालों को अब माफ नहीं किया जाएगा।
पीएम मोदी ने दो टूक कहा कि भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं करेगा। आतंक पर वार होता रहेगा। युद्ध के मैदान में पाकिस्तान को पहले भी हराया और अब ऑपरेशन सिंदूर ने उसे नई परिभाषा दी है।
प्रधानमंत्री ने दुनिया को भी संदेश दिया। कहा कि पाकिस्तान से बातचीत होगी तो सिर्फ आतंकवाद और पीओके पर। न आतंक और बातचीत साथ चल सकते हैं। न व्यापार और आतंक साथ रह सकते हैं। न पानी और खून एक साथ बह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और फौज का जो गठजोड़ है। वही अब पाकिस्तान को अंदर से खत्म कर देगा।