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पिथौरागढ़ तिहरा हत्याकांड खुलासा : तो गाली-गलौज और मारपीट के बाद हुई तीन लोगों की हत्या

Newsdesk Uttranews
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पिथौरागढ़ के ग्राम मड़-खड़ायत में नेपाली श्रमिकों की हत्याकांड का खुलासा नेपाली मूल का आरोपी गिरफ्तार

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पिथौरागढ़। जिला मुख्यालय के नजदीक वीभत्स तरीके से हुए तिहरे हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर नेपाली मूल के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार घटना के पीछे आपस में हुई भद्दी गाली-गलौज और मारपीट मुख्य वजह बनीं।


बीती 26 अक्टूबर की देर सांय पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम मड़-खड़ायत के तोक मड़धूरा को जाने वाले रास्ते में जंगल में बने मकान में एक व्यक्ति का शव पड़ा है, जिसका अन्यंत वीभत्स तरीके से गला रेता गया है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहंुची। घटनास्थल पर मकान का एक कमरा खुला हुआ था तथा अंदर चारपाई पर एक शव पड़ा हुआ था। शव का गला बुरी तरह काटा गया था तथा चेहरे व आंखों को गोदा गया था। शव का गुप्तांग भी काटा गया था। मड़-खड़ायत के तोक मड़धुरा केा जाने वाले मार्ग में जंगल में एकांत में बने हुए मकान के आसपास कोई अन्य मकान नहीं है। मकान पूर्व सैनिक भगवान सिंह खड़ायत निवासी मड़ खड़ायत का है।

इस मकान में लगभग 8-9 माह से नेपाली मजदूर काशी बोरा, हरीश बोरा व उसकी पत्नी कलावती रहते थे। पता चला कि कलावती लगभग 2 दिन पूर्व चली गयी है। मकान का निचला तल (गोठ) खाना बनाने में प्रयोग किया जा रहा था। ऊपर जिस कमरे में शव पड़ा हुआ था उसके दरवाजे के बगल में एक अन्य कमरे का दरवाजा था, जिसमें ताला लगा हुआ था। बंद कमरे का ताला तोड़ा गया तो उसमें 2 शव और मिले, जिसमें एक चारपाई पर तथा दूसरा जमीन पर लगे बिस्तरे में पड़ा था। उनके गले कोे भी रेता गया था। एक शव के चेहरे पर चोट के निशान थे तथा उसका गुप्तांग काटा गया था जबकि दूसरे के गुप्तांग को भी काटने का प्रयास किया गया था।


शवों की शिनाख्त के प्रयास में नेपाली मजदूरों केा बुलाया गया तो सिर्फ एक शव की शिनाख्त काशी बोरा उर्फ बली निवासी धनगड़ी, नेपाल के रूप में हुई, जबकि अन्य दो शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई। 27 अक्टूबर को अन्य दो शवों की शिनाख्त हरीश बोरा 37 पुत्र रनुआ बोरा निवासी ग्राम-दोतली पुरचुड़ी गा.बि.स. कुंआकोट, जिला बैतड़ी, नेपाल तथा उसके भाई बीर बहादुर उर्फ बिरूआ बोरा उम्र 28 के रूप में हुई। उसी दिन हत्यांकाड का खुलासा करने के लिए दो टीमें गठित की गयी। तमाम जांच-पड़ताल और सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर सामने आया कि मृतकों में एक बीर बहादुर उर्फ बिरूवा की मुलाकात उसी के गाँव के एक नेपाली व्यक्ति धन बहादुर बोरा उर्फ धनै बोरा उर्फ धनुवा, जो 1-2 दिन पूर्व मुनस्यारी से पिथौरागढ़ आया था के साथ हुई। जिसके बाद शक के आधार पर बुधवार को थल-पिथौरागढ़ रोड में नागर तिराहे के पास से धन बहादुर को वाहन का इंतजार करते हिरासत में ले लिया गया। उसके पास मौजूद बैग से खून लगी धुली हुई पैंट-कमीज व चप्पल आदि बरामद हुई और पूछताछ में उसने तीनों लोगों की हत्या किये जाने की बात स्वीकार कर ली।


पूछताछ में धन बहादुर ने बताया कि 25 अक्टूबर की शाम उसकी मुलाकात अपने गांव के चाचा बीर बहादुर उर्फ बिरूआ के साथ जागरी होटल के पास हुई। जिस पर बिरुआ ने बताया कि मेरा भाई हरीश बोरा मड़-खड़ायत में रहता है। रात को रूकने के लिये वहीं चलते है। रास्ते में भी दोनों ने शराब पी। मड़धुरा पहुंचकर कमरे में काशी बोरा व हरीश बोरा मिले किन्तु कलावती (चाची) वहां नहीं थी। इस दौरान सबने मिलकर मीट बनाना शुरू किया और शराब पी। मीट बनाते हुए धन बहादुर ने अपने चाचा हरीश बोरा से कहा कि चाची कहां चली गयी। हरीश ने बताया कि मैने उसे पैसे दिये थे वो नेपाल चली गयी है और उसका फोन भी नही लग रहा है। इस पर धन बहादुर ने उससे कहा कि तुमने ऐसी औरत क्यों रखी है जो बार-बार भाग जाती है। पहले भी माघ में दिल्ली भाग गयी थी। औरत पर तुम्हारा कंट्रोल नहीं और तुम्हारे बस का कुछ नही है। इस बात पर हरीश को गुस्सा आ गया तथा वाद-विवाद होने लगा। इसी दैारान काशी बोरा और शराब लेकर आ गया। धन बहादुर ने पुलिस पूछताछ में बताया कि काशी बोरा, कलावती का दूर का रिश्तेदार लगता है जिससे वह बोला कि तू कौन होता है यह सब बोलने वाला और उसने धन बहादुर को थप्पड़ व लात-घूंसे मारे। हरीश ने भी उसके साथ मारपीट की। भद्दी-भद्दी गालियां दीं।


नशे में विवाद, गाली-गलौच, हाथापाई गहराने पर धन बहादुर ने तीनों को सिलबट्टेे, दरांती, चाकू आदि से एक-एक कर मौत के घाट उतार दिया और उनके प्राइवेट पार्ट भी काट दिये। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद धन बहादुर ने ऊपर के कमरे में जिसमें हरीश और बिरूआ की लाशें पड़ीं थीं ताला लगा दिया और दूूसरे कमरे में कुंडा लगाकर रात में ही मड़-खड़ायत की ओर पैदल चल पड़ा। जिसके बाद वह नेपाल भागने की फिराक में था, लेकिन पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार कलावती ने पूछताछ में बताया है कि वह अपने बच्चों को लेने के लिये 25 अक्टूबर की सुबह नेपाल चली गयी थी। जांच पड़ताल में कलावती का घटना में सम्मिलित होने के सुबूत नहीं मिले हैं।

https://uttranews.com/2019/10/30/krishikesh-me-python-ka-resque/