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डीएम ने बड़ी परियोजनाओं का किया मौका मुआयना, अफसरों के छूटे पसीने

Newsdesk Uttranews
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पिथौरागढ़। नव नियुक्त जिलाधिकारी ने गुरुवार को जिले की महत्वपूर्ण परियोजनाओं के अंतर्गत निर्माणाधीन जिला बेस चिकित्सालय, नन्हीं परी सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज, मड़धूरा और पिथौरागढ़ नगर के लिए चंद्रभागा में निर्मित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान तमाम अधिकारियों के पसीने छूटे रहे।

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  ज्ञात है कि बुधवार को पदभार ग्रहण करने के बाद जिलाधिकारी आशीष चौहान ने जनपद में संचालित बड़ी परियोजनाओं को यथा समय पूर्ण करना अपनी प्राथमिकता बताया। गुरुवार को जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम जिला बेस चिकित्सालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्यदाई संस्था को निर्देश दिए कि वर्तमान में 8 फीसदी जो भी कार्य शेष रह गए हैं, उन्हें 2 माह के भीतर हर हाल में पूर्ण कर लिया जाय। जिलाधिकारी ने इस दौरान कहा कि जिले में सभी बड़ी परियोजनाओं में किए जा रहे निर्माण कार्य यथासमय पूर्ण हो सकें, इसके लिए जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की जा रही है, जो नियमित इन कार्यो की जानकारी लेने के साथ ही प्रत्येक सप्ताह इनकी प्रगति की भी समीक्षा करेंगे। 
  जिला बेस चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन 1000 एलपीएम क्षमता के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी लेकर उसका स्थलीय निरीक्षण कर अगस्त माह के अंत तक उसे पूरा कर संचालित करने के निर्देश कार्यदाई संस्था आरडब्लूडी के अधिशासी अभियंता को दिए। जिलाधिकारी ने बेस चिकित्सालय में स्थापित होने वाली आरटीपीसीआर लैब के संबंध में प्रगति की जानकारी, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से ली। उन्होंने कहा कि इस कार्य को यथासमय संचालन करना उनकी प्राथमिकता है।

उन्होंने मेडिकल कॉलेज के निर्माण के संबंध में भी जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए।  जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि वह भी समय-समय पर किए जा रहे अवशेष कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें। जिलाधिकारी ने कहा कि परियोजना की डीपीआर में जो भी कार्य स्वीकृत किए गए हैं, वही कार्य व सामग्री आदि मौके पर पूर्ण गुणवत्ता के साथ उपलब्ध होने चाहिए। तभी भवन को हस्तांतरण की कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी ने कार्यदाई संस्था ब्रिडकुल को निर्देश दिए कि बेस चिकित्सालय में जो अन्य कार्य चाहे रिटेनिंग वाल आदि का निर्माण कार्य हो, उनके भी प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित करें, ताकि धनराशि स्वीकृत होने पर कार्यों को प्रारम्भ कराया जाये। कार्यदाई संस्था के अधिकारियों ने बताया कि अब तक प्राप्त 58 करोड़ 4 लाख की पूर्ण धनराशि व्यय कर ली गई है।

     जिलाधिकारी ने नगर क्षेत्रान्तर्गत चंद्रभागा स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण किया, जो 5 एमएलडी क्षमता का है और कार्य पूर्ण होने के बाद संचालित है। जिलाधिकारी को निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों ने प्लांट से अत्यधिक आवाज आने से हो रही समस्या से बताई,  जिस पर जिलाधिकारी ने उन्हें आश्वस्त कराया कि शीघ्र ट्रीटमेंट प्लांट में आ रही तेज आवाज को कम करने के लिए एक संयंत्र स्थापित करने के साथ ही स्थल में पौधारोपण भी किया जा रहा है, जिससे आवाज की समस्या दूर हो जाएगी। इस दौरान उन्होंने प्लांट से किए जा रहे शोधन कार्य का निरीक्षण कर प्लांट से आ रहे शुद्ध पानी का भी परीक्षण किया।