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तो पिंजरे में कैद बंदरों को छोड़ जिम्मेदारी से मुक्त हो गया वन विभाग

उत्तरा न्यूज डेस्क
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तो पिंजरे में कैद बंदरों को छोड़ जिम्मेदारी से मुक्त हो गया वन विभाग
अल्मोड़ा- वन विभाग के रेस्क्यू सैंटर में पिंजरे में कैद बंदरों को वन विभाग ने आजाद कर ही दिया| हालांकि इस आजादी के लिए वन विभाग के घोषित आंकड़ो के तहत पांच बेजुबानों को अपनी जान देनी पड़ी लेकिन बंध्याकरण के लिए लाए गए बंदरों को बिना तैयारी के एक माह तक पिंजरे में रख दिया| बंदरों की मौत के बाद जब हंगामा हुआ तो वन विभाग ने आनन फानन में बंदरों को जंगल में छोड़ दिया| जबकि इन बंदरों को पकड़ने के लिये नगर पालिका ने हजारों रुपये खर्च किए थे| जानकारी के अनुसार एक बंदर को पकड़ने में दक्ष टीम को करीब चार सौ रुपये खर्च करना पड़ते हैं| वन विभाग की यह कार्रवाई से साफ हो गया कि लापरवाही और बिना तैयारी के किसी काम को हाथ में लेने की इंतहा यही होती है| रेंंजर मोहन राम नेे बताया कि सभी बंदरों  को जंंगल में छोड़ दिया गया है|

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