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फजीहत- अल्मोड़ा से देहरादून जाने वाले यात्रियो को 1 घंटा करना पड़ा इंतजार

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा, 7 नवंबर 2021

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बाहरी क्षेत्रो को लौट रहे लोगो को एक घंटा बस के लिये इंतजार करना पड़ा। लोगों में उत्तराखण्ड रोडवेज की हीलाहवाली पर आक्रोश व्यक्त किया हैं।

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दीपावली के बाद का पहला रविवार होने के कारण अल्मोड़ा के
रोडवेज स्टेशन पर बाहरी क्षेत्रो को जाने वाले लोग वाहनो के इंतजार करते देखे गये। खासकर ऑनलाइन टिकट लेकर 6 बजे देहरादून जाने वाले या​त्री परेशान रहे।

कई लोगों का आरोप था कि ऑनलाइन टिकट लेने के बाद उन्हे वाहन के नंबर का पता नही था। रोडवेज स्टेशन में कोई यह बताने को तैयार नही था कि कौन सी बस आनलाइन टिकट लेने वाले यात्रियो के लिये है और कौन सी बस रोडवेज स्टेशन से टिकट लेने वाले यात्रियों के लिये। इसी गफलत में जैसे ही वाहन संख्या यूके 07 पी ए2801 रोडवेज स्टेशन में पहुंची तो ऑनलाइन टिकट लेकर 6 बजे देहरादून जाने वाली बस का इंतजार कर रहे यात्री उस वाहन में बैठ गये और अपना सामान डिक्की में रखवा दिया,बाद में पता चला कि यह बस तो ऑफलाइन मोड से टिकट लेने वाले यात्रियो के ​लिये है और इसमें यात्रा करने के लिये टिकट लेना पड़ेगा। इसके बाद 6 बजे की बस का इंतजार कर रहे लोग मायूस होकर ​बस से बाहर आ गये।

अपनी बेटी को बस में बिठाने आये गोपाल सिंह कड़ाकोटी रोडवेज प्रबंधन पर बेहद गुस्से में दिखाई दिये। उनका आरोप था कि किसी रोडवेज के अधिकारी को उन्होने इस बाबत फोन किया तो फोन उठाने वाले शख्स का बातचीत का लहजा ठीक नही था।

रोडवेज पूछताछ में कई बार पूछे जाने पर पता चला कि जिस वाहन को देहरादून भेजा जाना है उसका टायर पंचर हो गया है, खैर किसी तरह शाम 6:45 के आसपास बस आई और 7 बजे अल्मोड़ा स्टेशन से देहरादून के लिये ​रवाना हुई।

Passengers from Almora to Ddn had to wait 1 hour

बदइंतजामियो का आलम तो यह था कि रोडवेज स्टेशन के ऊपर अनाउंसमेंट के लिये लगाया गया लाडस्पीकर बूरी तरह से क्षतिग्रस्त दिखाई दे रहा था। पूछताछ काउंटर में बैठे शख्स का कहना था कि किसी गाड़ी वाले ने इसे टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया था। बसो के बाबत पूछे जाने पर उनका कहना था कि आज के दिन रेगुलर सेवा के अलावा देहरादून के लिये 2 तथा दिल्ली के लिये चार बसे अतिरिक्त बसे लगायी गयी थी।


इस बाबत उत्तरा न्यूज ने रोडवेज के आरएम को फोन लगाया तो उनका नंबर स्विच ऑफ होने के कारण रोडवेज प्रबंधन का पक्ष नही लिया जा सका। जैसे ही उनका पक्ष आयेगा हम उसे यहां प्रकाशित कर देगें।