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Almora- ओजोन परत की सुरक्षा पर पर्यावरण संस्थान में हुआ मंथन

उत्तरा न्यूज डेस्क
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अल्मोड़ा। गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान अल्मोडा के इनविस केन्द्र द्वारा ओजोन दिवस पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान ओजोन दिवस की थीम Montreal Protocol — Keeping us, our food, and vaccines cool (मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल – हमें, हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना) पर चर्चा की गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ इनविस केन्द्र के समन्वयक एवं वैज्ञानिक-जी, डॅा0 जी.सी.एस. नेगी द्वारा किया गया।

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बताया गया कि विश्व में लगातार बढ़ते प्रदूषण, जहरीली गैसों का वायुमण्डल में रिसाव, वृक्षों का अत्यधिक कटाव आदि से जहां एक ओर पृथ्वी का तापमान निरन्तर वृद्धि कर रहा है वहीं दूसरी ओर सूर्य से निकलने वाली पैराबैगंनी किरणों से पृथ्वी के रक्षा कवच ओजोन परत को भारी नुकसान होता है। जिसके कारण मानव स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों को कम करने के लिए 16 सितम्बर 1987 में विश्व के 125 से भी अधिक देषों के द्वारा संयुक्त रूप से मौन्ट्रियाल (कनाडा) में सहमति पत्र हस्ताक्षर किये गये तब से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 16 सितम्बर को विश्व ओजोन दिवस के रूप में घोषित कर दिया तभी से इस दिन को ओजोन दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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कार्यक्रम में डॉ0 डी.पी. उनियाल, सह निदेशक, उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) देहरादून द्वारा विज्ञान की लोकप्रियता के अंर्तगत चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमांं के विषय में विस्तार से बताया। इसी क्रम में पर्यावरण संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 जे0 सी0 कुनियाल, वैज्ञानिक-जी, द्वारा स्लाइड शो के माध्यम से ओजोन परत के निर्माण की क्रियाविधि को समझाया उन्होनें कहा कि ओजोन का क्षरण मानव हस्तक्षेप एवं वायुमण्डल पर पायी जाने वाली विभिन्न हानिकारक गैसों पर निर्धारित करता है।

कार्यक्रम के आतिथि वक्ता डा0 प्रभाकर जोशी, जीव विज्ञान प्रवक्ता जी.आई.सी, स्यालीधार, अल्मोड़ा ने अपने सम्बोधन में कहा कि किस प्रकार ओजोन परत सूर्य की पराबैगंनी किरणों से हमारी रक्षा करती है। तथा किस प्रकार ओजोन परत का क्षरण होने से बचाया जा सकता है तथा ओजोन परत की सुरक्षा के प्रति हम इस अवसर पर पर्यावरण संस्थान के इनविस केन्द्र द्वारा ‘‘ओजोन परत की सूचना’’ पर प्रकाशित एक न्यूजकैटर का विमाचन भी किया गया।

कार्यक्रम के अंत में डा0 आई.डी. भट्ट, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे जी.आई.सी. द्वाराहाट के शिक्षक जमुना प्रसाद तिवारी एवं छात्र-छात्राओ, मेडिकल कॉलेज की नर्सिग पाठ्यक्रम की छात्राओ, जी. आई. सी स्यालीधार के शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं तथा संस्थान के इनविस केन्द्र के हरित कौशल विकास कार्यक्रम से जुड़े प्रशिक्षणार्थियों, शोधार्थियों एवं अन्य श्रोताओं का धन्यवाद किया।

कार्यक्रम में इनविस केन्द्र के डा0 महेशा नन्द, कमल किशोर टम्टा, विजय सिंह बिष्ट तथा संस्थान के वैज्ञानिको, डा0 रविन्द्र जोशी, डॉ0 हरीश रावत, सुमन किरौला आदि सम्मिलित थे।