ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद अंतरिक्ष सुरक्षा को लेकर अब कवायत शुरू हो गई है। पुलिस नेपाल सीमा से लेकर 9 पदों से राज्यों की सरहद पर संदिग्धों की चेकिंग कर रही है।
केंद्रीय बलों क फुफिया एजेंसी के समन्वय से चौकसी बढ़ाने के साथ ही आतंकी संगठनों से जुड़े हर मूवमेंट को देखा जा रहा है। जीपी प्रशांत कुमार का कहना है की सीमाओं पर पूरी मुस्तादी बरतने का निर्देश दिया जा रहा है।
पुलिस अधिकारियों को इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
इन जिलों से मिलती है नेपाल सीमा
नेपाल से राज्य की 570 किलोमीटर की सीमा जुड़ी हुई है इसमें सबसे ज्यादा 120 किलोमीटर की सीमा लखीमपुर खीरी से जुड़ी है। नेपाल सीमा से सटे सात जिलों महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी व पीलीभीत के 30 थाने बार्डर पर हैं।
इन जिलों में नेपाल से 10 किलोमीटर के क्षेत्र में 980 गांव बसे हैं और यहां 970 ग्राम सुरक्षा समितियां गठित हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस व एसएसबी की संयुक्त टीमों ने चेकिंग बढ़ाई है और हर आने-जाने पर कड़ी नजर रखी जा रही है। नेपाल के रास्ते पूर्व में आतंकी देश में घुस चुके हैं।
यही वजह है कि नेपाल सीमा पर स्थित 110 चेक पोस्ट पर अतिरिक्त पुलिस बल्कि तैनाती करके चेकिंग के लगातार निर्देश दिए गए हैं। यहां 78 संयुक्त चेक पोस्ट बनाए गए हैं और इसके अलावा पुलिस के एसएसबी, कस्टम व आइबी के अधिकारी भी निगरानी में लगे हैं। ग्राम सुरक्षा समितियों को भी सक्रिय किया गया है।
नेपाल पर लगे 151 सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से निगरानी भी की जा रही है इसके अलावा पड़ोसी राज्य राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, झारखंड व छत्तीसगढ़ से जुड़ी 3,048 किलोमीटर सीमा पर स्थित 210 थानाें को सघन चेकिंग का निर्देश दिया गया है।
पड़ोसी राज्यों की सीमा से जुड़े 30 जिलों मथुरा, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर, पीलीभीत, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, इटावा, झांसी, जालौन, ललितपुर, बागपत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बांदा, महोबा, चित्रकूट, प्रयागराज, गाजीपुर, चंदौली, बलिया, मीरजापुर, सोनभद्र, गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद की पुलिस व जिला प्रशासन को पूरी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। सीमावर्ती राज्यों के 228 थानों की पुलिस से समन्वय बनाकर निगरानी की जा रही है।