अब ₹2 में पता चलेगा कि मतदाता असली है या नकली, चुनाव आयोग ने की यह जबरदस्त तैयारी

Smriti Nigam
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गौतम बुद्ध नगर लोकसभा में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को करीब 26 लाख 75000 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान के दिन मतदान केंद्र पर अकसर फर्जी मतदाता की शिकायतें पोलिंग एजेंट से लेकर अन्य लोग करते रहते हैं। चुनाव आयोग ने मतदान के दिन फर्जी मतदाता को पहचानने के लिए अब नई गाइडलाइन जारी की है।

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इसमें व्यवस्था की गई है कि किसी भी प्रत्याशी का एजेंट फर्जी मतदाता का पता लगाने के लिए ₹2 की रसीद कटवा कर उसे चैलेंज कर सकता है। ₹2 खर्च करने पर यह पता चल जाएगा कि यह मतदाता असली है या नकली

फर्जी मतदाता का दावा करने वाले पोलिंग एजेंट व अन्य को पीठासीन अधिकारी के संपर्क में रहना होगा। पीठासीन अधिकारी मतदाता से उसका नाम, पिता का नाम, पता घर में कितने वोटर है आदि बिंदुओं के बारे में गहराई से पूछताछ करेगा। संतुष्टि ना होने पर वह सच और झूठ की पहचान करने के लिए क्षेत्र के पार्षद या प्रधान को बुलाकर मतदाता के बारे में गवाही लेगा।

यदि मतदाता यह साबित कर दे कि वही असली मतदाता है, तो उसे वोट डालने का मौका मिलेगा और अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है, तो उसे फर्जी मतदाता मानकर उसके खिलाफ केस दर्ज कराया जा सकता है।

यदि कोई मतदाता केंद्र पर अपना वोट डालने पहुंचता है लेकिन उससे पहले ही कोई उसके नाम को वोट डाल चुका है तो वह टेंडर वोट का सहारा ले सकता है। उसके लिए उसे पीठासीन अधिकारी के पास जाना होगा यदि मतदाता सूची में उसका नाम होगा तो पीठासीन अधिकारी एक प्रपत्र पर मतदान कराते हैं।

इसके बाद उस मतपत्र को लिफाफे में बंद कर देते हैं। मतगणना के समय कम वोट के अंतर से हार-जीत की स्थिति में ऐसे वोट की गणना की जाती है। इसे टेंडर वोट कहते हैं।पीठासीन अधिकारियों को मतदान के समय मिलने वाले किट में टेंडर बैलट पत्र दिए जाते हैं।

मतदानकर्मियों को ट्रेनिंग के दौरान चुनाव आयोग की सभी गाइडलाइन से अवगत कराया जा रहा है। मतदान वाले दिन चुनाव आयोग के सभी नियमों का पालन होगा।