shishu-mandir

तो अल्मोड़ा में मिला है मलेरिया का नया परजीवी ! सैंपल जांच के बाद डाक्टरों ने परीक्षण को हायर सेंटर भेजा,पॉजीटिव आया तो होगा देश का पहला मामला

Newsdesk Uttranews
2 Min Read

new-modern
gyan-vigyan

अल्मोड़ा। अल्मोड़ा में मलेरिया का नया परजीवी प्रकाश में आया है! परजीवी(ब्लड प्लाजमोडियम)की पुष्ठि के लिए सैम्पल को दिल्ली और लखनऊ की लैब में भेजा गया है। यदि आशंका सही साबित हुई तो यह देश का पहला परजीवी होगा जिसकी पहचान अल्मोड़ा से होगी।
डाक्टरो की माने तो माइक्रोस्कोपिक स्लाइइ मेंं इसकी पहचान प्लाज्मोडियम नोवेल्सी के रुप में हुई है जो सबसे पहले 1931 में कोलकात्ता में खोजा गया था। तब से इस परजीवी का कोई पॉजीटिव भारत में नहीं पाया गया है। अब 78 साल बाद में बरेली से आये एक मरीज से डाक्टरों को इस प्रकार मलेरिया वाहक पैरासाइट पकड़ में आया है।

saraswati-bal-vidya-niketan
डा. अखिलेश

जिला अस्पताल के वरिष्ठ पैथेलॉजिस्ट डाक्टर अखिलेश के अनुसार अब तक भारत में मलेरिया पलाजमोड़ियम वाईवैक्स, मलेरी और ओवेल से फैलता है। लेकिन प्लाजमोडियम नोवेल्सी नामक पैरासाईट केवल मलेशिया में ही पाया गया है। वहां इससे प्रभावित मलेरिया रोगी मिलते रहते हैं।
डाक्टर अखिलेश ने बताया कि बरेली का एक मरीज जो अल्मोड़ा में मजदूरी करता था. जिसे बुखार आने पर शनिवार को जिला अस्पताल में जांच की गयी, माइक्रोस्कोपिक जांच के दौरान डाक्टरों को सैंपल में प्लाजमोडियम नोवेल्सी की आशंका हुई शनिवार से डाक्टर लगातार ब्लैड सैंपल की जांच कर रहे है। जिसमें प्लाजसोडियम नोवेल्सी पैरासाइट की संभावना देख रहे है ।जिसे पुष्ठि के लिए एनआईएमआरसी दिल्ली और मलेरिया रिसर्च लखनऊ के लिए ब्लेड सैम्पल भेज दिये है। चूंकि मरीज बरेली का है। इसलिए यह भी पुष्टि नही है कि पैरासाइट बरेली से आया या फिर अल्मोड़ा में ही पनपा है।डाक्टर अखिलेश ने बताया कि मरीज उपचार लेकर फिलहाल बरेली चला गया है लेकिन रिर्पोट का इंतजार है। अल्मोड़ा में पहली बार डांक्टरों ने मलेरिया वाहक प्लाजमोडियम नोवेल्सी के प्रकाश में आने की संभावना जताई है. यदि जांच में सैप्पल पांजिटिव हुआ तो यह देश का पहला मामला होगा जिसमें मलेरियां वाहक परजीवी प्लाजसोडियम नोवेसी की खोज अल्मोड़ा से होगी ,